साइबर सुरक्षा के जानकारों का कहना है कि LOSTKEYS जैसे मालवेयर यह दिखाते हैं कि अब राज्य समर्थित हैकिंग ग्रुप पहले से ज्यादा ताकतवर और स्मार्ट हो गए हैं।
LOSTKEYS Malware: Google ने एक खतरनाक साइबर हमला करने वाले मालवेयर का पता लगाया है, जिसका नाम LOSTKEYS है। यह मालवेयर रूस से जुड़े एक हैकर ग्रुप Cold River द्वारा बनाया गया है, जिसे रूस की खुफिया एजेंसी FSB से जोड़ा जा रहा है। इस बारे में जानकारी Google की Threat Intelligence Team और Reuters की रिपोर्ट में सामने आई है।
कैसे काम करता है LOSTKEYS मालवेयर?
Google के एक रिसर्चर के मुताबिक, LOSTKEYS मालवेयर बहुत ही चालाक और खतरनाक है। यह कंप्यूटर में घुसकर जरूरी फाइलें चुरा सकता है और सिस्टम से जुड़ी अहम जानकारी चुपचाप हैकरों तक भेज सकता है। इससे आपकी प्राइवेट और सेंसेटिव इन्फोर्मेशन पर बड़ा खतरा बन सकता है।
Cold River हैकर ग्रुप कौन है?
Cold River एक ऐसा हैकर ग्रुप है, जो पहले भी कई बार पश्चिमी देशों की सरकारों, सेना से जुड़े लोगों, पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय इंस्टीट्यूट पर साइबर हमले कर चुका है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इस ग्रुप का मकसद रूस के लिए जासूसी करना और जरूरी जानकारिया जुटाना है।
Google की रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच Cold River ने कई पश्चिमी देशों के मौजूदा और पूर्व सलाहकारों को निशाना बनाया गया है। इसके अलावा पत्रकारों, NGO और थिंक टैंक्स को भी इस ग्रुप ने टारगेट किया।
पहले भी कर चुका है बड़े साइबर हमले
Cold River नाम का यह हैकर ग्रुप पहले भी कई खतरनाक साइबर हमलों के लिए सुर्खियों में रह चुका है। 2022 में इस पर अमेरिका की तीन परमाणु रिसर्च लैब्स को निशाना बनाने का आरोप लगा था। इतना ही नहीं, इसके कुछ समय बाद ब्रिटेन के पूर्व खुफिया प्रमुख सर रिचर्ड डियरलव की प्राइवेट ईमेल्स भी लीक कर दी गई थीं। इन ईमेल्स में कई ऐसे लोग शामिल थे जो ब्रेक्सिट का समर्थन करते थे।
साइबर खतरे लगातार बढ़ रहे हैं
साइबर सुरक्षा के जानकारों का कहना है कि LOSTKEYS जैसे मालवेयर यह दिखाते हैं कि अब राज्य समर्थित हैकिंग ग्रुप पहले से ज्यादा ताकतवर और स्मार्ट हो गए हैं। ऐसे हमले अब और ज़्यादा गंभीर होते जा रहे हैं।