IMF ने माना अल सल्वाडोर की आर्थिक मजबूती, Bitcoin बना तनाव की वजह?

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December 24, 2025

El Salvador Economy: IMF ने इस हफ्ते माना है कि अल सल्वाडोर की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो रही है। देश की ग्रोथ उम्मीद से तेज है और सरकारी सुधारों का असर दिखने लगा है। हालांकि, Bitcoin को लेकर अल सल्वाडोर सरकार और IMF के बीच विवाद अब भी खत्म नहीं हुआ है। खासकर सरकार द्वारा बताए जा रहे Bitcoin भंडार की सच्चाई और पारदर्शिता को लेकर IMF ने कई महीनों तक चली आमने-सामने और ऑनलाइन बैठकों के बाद एक स्टाफ स्टेटमेंट जारी किया है। इसमें बताया गया है कि 40 महीने के Extended Fund Facility कार्यक्रम की दूसरी समीक्षा को लेकर बातचीत आगे बढ़ रही है।

IMF ने अल सल्वाडोर की बेहतर होती अर्थव्यवस्था को माना है, जहां GDP ग्रोथ 4% के करीब पहुंच रही है, लेकिन Bitcoin नीति और सरकारी होल्डिंग्स को लेकर विवाद अब भी जारी है।

GDP ग्रोथ 4% के करीब

IMF के अनुसार, अल सल्वाडोर की अर्थव्यवस्था इस साल करीब 4% की दर से बढ़ने की ओर है, जो पहले के अनुमान से बेहतर है। इस तेजी के पीछे कुछ अहम कारण बताए गए हैं। देश में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, विदेशों में काम करने वाले नागरिकों से आने वाली रेमिटेंस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और प्राइेवेट इनवेस्टमेंट में भी सुधार दिख रहा है। IMF का मानना है कि ये सभी फैक्टर मिलकर अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं।

बजट अनुशासन और घाटा घटाने पर सरकार का फोकस

IMF ने अल सल्वाडोर सरकार के वित्तीय अनुशासन की सराहना की है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार 2025 के अंत तक तय किए गए प्राइमरी बैलेंस टारगेट को हासिल करने की राह पर है। साथ ही, हाल ही में पेश किए गए 2026 के बजट में सरकारी घाटे को और कम करने की योजना दिखाई है। खास बात यह है कि घाटा घटाने के साथ-साथ सोशल प्लानिंग पर खर्च बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा गया है। इन कदमों की वजह से देश के विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत हो रहे हैं और घरेलू स्तर पर कर्ज लेने की जरूरत कम हो रही है।

संरचनात्मक सुधार और नए कानून

IMF के मुताबिक, अल सल्वाडोर में कई अहम संरचनात्मक सुधार भी आगे बढ़े हैं। सरकार ने पेंशन सिस्टम से जुड़ी एक्चुअरियल स्टडी सार्वजनिक की है और मीडियम टर्म फिस्कल फ्रेमवर्क को अपनाया है। इसके अलावा, बैंकिंग और वित्तीय सिस्टम को सुरक्षित बनाने के लिए Basel III मानकों के अनुरूप नए नियम लागू किए गए हैं। सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद से जुड़ा नया कानून भी पास किया है, जिसे IMF ने वैश्विक मानकों के करीब बताया है।

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Bitcoin को लेकर IMF की आपत्ति बरकरार

जहां एक ओर आर्थिक सुधारों की तारीफ हो रही है, वहीं Bitcoin अभी भी सबसे बड़ा विवादित मुद्दा बना हुआ है। इस साल IMF ने नायब बुकेले और नेशनल Bitcoin ऑफिस के उन दावों पर सवाल उठाए थे, जिनमें कहा गया था कि सरकार ने अपने Bitcoin भंडार बढ़ाए हैं। IMF का कहना है कि ये बदलाव सिर्फ वॉलेट के अंदर ट्रांसफर थे, न कि नए Bitcoin की खरीद में। IMF ने साफ किया है कि लोन समझौते के बाद से सरकार की आधिकारिक Bitcoin हिस्सेदारी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।

Chivo वॉलेट की बिक्री और आगे की बातचीत

IMF ने यह भी बताया कि सरकार के डिजिटल वॉलेट Chivo को बेचने को लेकर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। साथ ही, Bitcoin प्रोजेक्ट पर चर्चा जारी है, जिसमें पारदर्शिता बढ़ाने, सरकारी धन की सुरक्षा और क्रिप्टो से जुड़े जोखिम कम करने पर जोर दिया जा रहा है। ब्लॉकचेन डेटा के अनुसार, सरकार से जुड़े वॉलेट्स में करीब 659 मिलियन डॉलर का Bitcoin मौजूद है।

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IMF और Bitcoin के बीच संतुलन की चुनौती

फिलहाल, अल सल्वाडोर एक मुश्किल संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है। एक तरफ अर्थव्यवस्था संभल रही है और सुधार आगे बढ़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ Bitcoin सरकार और IMF के बीच टकराव का कारण बना हुआ है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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