अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो ने बताया था कि पिछले साल क्रिप्टो से संबंधित घोटालों में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
Crypto scammers: क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पिछले कुछ सालों में बढ़ी है। इसके साथ ही इस सेगमेंट में घोटाले की संख्या भी बढ़ रही है। स्कैमर्स आय दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपने शिकार को ढूंढते हैं। जॉब रिक्रूटर्स की आड़ में भी इसी तरह का घोटाला किया जा रहा है। इसमें LinkedIn के जरिए जॉब चाहने वालों को टारगेट किया जाता है।
जॉब ढूंढने वालों को बनाते हैं निशाना
साइबर जांचकर्ता टेलर मोनाहन ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर कहा है कि ये स्कैमर्स नौकरी सर्च करने वालों से संपर्क करते हैं और उन्हें वीडियो कॉल से संबंधित सॉफ्टवेयर में एक समस्या को ठीक करने के लिए कहते हैं और फिर उनके कंप्यूटर तक पहुंच प्राप्त करने के लिए मैलवेयर का उपयोग करते हैं। जांचकर्ता ने पोस्ट में स्कैमर्स द्वारा प्रदान की गई नौकरी की लिस्टिंग के स्क्रीनशॉट भी साझा किए गए हैं। नौकरी सर्च करने वाले द्वारा सवालों के जवाब देने के बाद, स्कैमर्स उन्हें अंतिम प्रश्न के उत्तर का वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए कहते हैं। ‘Request Camera Access’ पर क्लिक करने के बाद, दूसरे प्रॉम्प्ट में उन्हें कैमरे या माइक्रोफोन में एक समस्या को ठीक करने के लिए कहा जाता है।
सोशल मीडिया का करते हैं यूज
इस साल मार्च में अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने बताया था कि पिछले साल इन घोटालों में 53 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कुछ देशों के रेगुलेटर्स ने इस समस्या से निपटने के लिए क्रिप्टो सेगमेंट के लिए नियम बनाने की तैयारी कर ली है। आमतौर पर इस घोटाले में लोगों को फंसाने के लिए फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है।
ज्यादा रिटर्न का देते हैं लालच
FBI ने एक रिपोर्ट में बताया था कि पिछले साल क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की आड़ में धोखाधड़ी बढ़कर 3.94 अरब डॉलर हो गई थी। इससे पहले के साल में लोगों ने इन धोखाधड़ी में करीब 2.57 अरब डॉलर गंवाए थे। इस तरह के घोटालों में जालसाज क्रिप्टो से जुड़े निवेश की सलाह देते हैं और लोगों से फर्जी टोकन में पैसा लगाने को कहते हैं। इसमें ज्यादा रिटर्न मिलने का लालच दिया जाता है।