Google, Microsoft और Meta परमाणु ऊर्जा की ओर रुख कर रही हैं। इन सबके पीछे सबसे बड़ी वजह AI है।
Nuclear Power Plant : Google, Microsoft और Meta का नाम दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में आता है। तीनो कंपनियां कई तरह के टेक प्रोडक्ट और सर्विस पर काम करती हैं। AI सेक्टर में भी ये तीनों एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देती हैं। इन सबके बीच हम बात कर रहे हैं ‘परमाणु युद्ध’ की। ऐसा नहीं है कि ये तीनों कंपनियां परमाणु युद्ध करने जा रही हैं, लेकिन तीनों की नजर परमाणु ऊर्जा हासिल करने पर जरूर है।
परमाणु ऊर्जा में निवेश करने पर विचार
Google, Microsoft और Facebook की पैरेंट कंपनी Meta जो AI और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों का यूज करती हैं, उनकी बिजली खपत में बहुत वृद्धि हुई है। बता दें कि इन कंपनियों को अपने डेटा सेंटर और AI सिस्टम को चलाने के लिए लाखों किलोवाट की बिजली चाहिए होती है। ऐसे में अब ये कंपनियां परमाणु ऊर्जा में निवेश करने पर विचार कर रही हैं। इससे सवाल उठता है कि क्या कंपनियों के बीच ‘परमाणु ऊर्जा’ के लिए एक नई टक्कर शुरू हो रही है?
बिजली की जरूरत क्यों बढ़ रही है?
आजकल AI और क्लाउड सेवाओं के लिए बनाए जा रहे डेटा सेंटर इतने बड़े हो गए हैं कि उनकी बिजली की लागत एक बड़े शहर जितनी हो सकती है। Google, Microsoft और Facebook जैसी कंपनियां अपनी सेवाओं के लिए ज्यादा बिजली की मांग कर रही हैं। ऐसे में अगर ये कंपनियां अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए पुराने तरीके अपनाती हैं तो यह पर्यावरण और उनके कारोबार दोनों को नुकसान पहुंचाएगा इसलिए ये कंपनियां अब परमाणु ऊर्जा की ओर देख रही हैं।
क्या है परमाणु ऊर्जा की खासियत
कंपनियों को एहसास हो रहा है कि परमाणु ऊर्जा ही सिर्फ इसका समाधान हो सकता है क्योंकि यह कार्बन मुक्त बिजली है, यानी यह पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Google के ऊर्जा और जलवायु के वरिष्ठ निदेशक माइकल टेरेल ने कहा कि परमाणु ऊर्जा की एक खासियत यह है कि यह हमेशा चालू रहती है और लगातार बिजली देती है, जो हमारी जरूरतों के लिए एकदम सही है।
फिर से परमाणु ऊर्जा की वापसी हो रही है
पिछले कुछ दशकों में सुरक्षा जोखिमों और परमाणु एक्सीडेंट के डर के कारण परमाणु ऊर्जा को नजरअंदाज किया गया था, लेकिन अब फिर से इस पर चर्चा हो रही है और इसे ‘परमाणु रिवाइवल’ कहा जा रहा है। ऐसे में टेक्नोलॉजी कंपनियों का मानना है कि परमाणु ऊर्जा बिजली का भविष्य हो सकती है, खासकर तब जब हमें खतरनाक जलवायु परिवर्तन और बिजली संकट से निपटना पड़ रहा है।