2024 में एक न्यायाधीश ने पाया कि ऑनलाइन खोज और उससे संबंधित ऐड पर Google का एकाधिकार है। हालांकि, Google ने Chrome को बेचने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है।
Google Chrome: अमेरिका के वॉशिंगटन में चल रहे Google के एंटीट्रस्ट ट्रायल में एक दिलचस्प बात सामने आई है। ChatGPT के प्रमुख प्रोडक्ट अधिकारी निक टरली ने कहा है कि अगर कॉम्पिटिशन बढ़ाने के लिए Google को अपना पॉपुलर वेब ब्राउजर Chrome बेचना पड़ा, तो OpenAI उसमें दिलचस्पी दिखा सकता है।
ChatGPT के प्रमुख का यह बयान उस समय आया जब अमेरिकी न्याय विभाग Google पर इंटरनेट सर्च और उससे जुड़े ऐड पर एकाधिकार खत्म करने के लिए सख्त कदमों की मांग कर रहा था। हालांकि, अभी तक Google ने Chrome को बेचने की कोई बात नहीं कही है और वह इस ट्रायल के फैसले के खिलाफ अपील करने की तैयारी में है।
AI की रेस और Google का ट्रायल
Google के खिलाफ चल रहे एंटीट्रस्ट ट्रायल के पीछे सिर्फ ऑनलाइन सर्च का मसला नहीं है, बल्कि इसमें जनरेटिव AI की रेस की झलक भी देखने को मिल रही है। बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स इस समय तेजी से अपने AI टूल्स और ऐप्स को बेहतर बना रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को अट्रैक्टिव किया जा सके। इस मामले में DOJ का मानना है कि Google की सर्च में बनी एकाधिकार स्थिति उसे AI के क्षेत्र में भी अनुचित फायदा दे सकती है। वहीं, Google का तर्क है कि Meta और Microsoft जैसी कंपनियों की वजह से इस फील्ड में हेल्दी कॉम्पिटिशन पहले से ही मौजूद है।
क्या Google और OpenAI बन सकते थे पार्टनर?
OpenAI के एक वरिष्ठ अधिकारी निक टरली ने ट्रायल के दौरान एक और इम्पोर्टेंट इन्फोर्मेशन दी है। उन्होंने बताया कि OpenAI ने ChatGPT में Google Search API जोड़ने की अनुमति मांगी थी, लेकिन Google ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। OpenAI को उस समय अपने मौजूदा सर्च प्रदाता से दिक्कत हो रही थी, इसलिए वह Google की मदद चाहता था, ताकि ChatGPT यूजर्स को और बेहतर रिजल्ट दे सके। लेकिन Google ने अगस्त में यह कहकर मना कर दिया कि अगर वह OpenAI को अनुमति देगा, तो उसे कई अन्य प्रतियोगियों को भी API एक्सेस देनी होगी।