MeitY AI Report: भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 5 नवंबर को AI Governance Report जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत आने वाले समय में AI को कैसे इस्तेमाल करेगा और उसके लिए किस तरह की नीतियां बनाई जाएंगी। रिपोर्ट लॉन्च करते समय MeitY के सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि सरकार AI को लेकर बहुत सोच-समझकर कदम उठा रही है।
सरकार की नई गवर्नेंस रिपोर्ट में डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्किलिंग और जोखिम नियंत्रण के स्पष्ट दिशा-निर्देश, सुरक्षित और जिम्मेदार तकनीक उपयोग पर बड़ा जोर
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य यह है कि AI तकनीक को बढ़ावा दिया जाए, ताकि नए और बड़े इनोवेशन सामने आएं। इसलिए शुरुआत में सरकार सख्त नियम या प्रतिबंध नहीं लगाएगी। इसके बजाय पहले उद्योग, विशेषज्ञों और आम लोगों से व्यापक चर्चा की जाएगी।
Deepfake का उदाहरण
कृष्णन ने Deepfake का उदाहरण देते हुए कहा कि इस समय सरकार हल्के नियम अपना रही है। जैसे कि अगर कोई कंटेंट AI से बनाया गया है तो उस पर लेबलिंग जरूरी है, ताकि लोग पहचान सकें कि यह असली नहीं है। सरकार नहीं चाहती कि नियम इतने सख्त हों कि इनोवेशन पर रोक लग जाए।
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रिपोर्ट के 6 मुख्य फोकस पॉइंट
AI Governance Report में भारत की AI योजना 6 बड़े क्षेत्रों पर आधारित है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर: डेटा, कंप्यूटिंग सर्वर और डिजिटल सुविधाओं को और मजबूत बनाया जाएगा।
- कौशल और शिक्षा: छात्रों, सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों को AI की समझ और ट्रेनिंग दी जाएगी।
- नीतियां और नियम: नए कानून तब बनाए जाएंगे जब जरूरत होगी, अभी मौजूदा कानूनों से ही नियंत्रण किया जाएगा।
- जोखिम नियंत्रण: AI के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए एक रिस्क असेसमेंट फ्रेमवर्क और रिपोर्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा।
- जिम्मेदारी और जवाबदेही: AI कंपनियों को पारदर्शिता और शिकायत समाधान के नियमों का पालन करना होगा।
- नई संस्थाएं : एआई से जुड़े निर्णयों और सुरक्षा के लिए AI Governance Group (AIGG), Technology & Policy Expert Committee (TPEC) और AI Safety Institute (AISI) बनाए जाएंगे।
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आगे क्या होगा?
रिपोर्ट के आधार पर सरकार एक चरणबद्ध एक्शन प्लान लागू करेगी। इसमें AI सिस्टम की टेस्टिंग, सुरक्षा फ्रेमवर्क बनाना और AI को भारत की डिजिटल सेवाओं जैसे UPI और DigiLocker में और बेहतर तरीके से शामिल करना शामिल है।
