AI से फोटो शेयर करने से पहले जान लें खतरे

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Ghibli risk
March 31, 2025

अगर आपको लगता है कि AI द्वारा तैयार की गई तस्वीरें मजेदार हैं और उनका इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए किया जा रहा है, तो आपको दोबारा सोचने की जरूरत है।

AI Photo Risk: आजकल सोशल मीडिया पर Ghibli स्टाइल में अपनी तस्वीरें बनाने का जबरदस्त ट्रेंड चल रहा है। नेता, सेलिब्रिटीज और आम लोग धड़ल्ले से अपनी Ghibli  स्टाइल में बनी तस्वीरें Facebook, Instagram और X जैसे प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं। ये AI -जनरेटेड तस्वीरें देखने में जितनी आकर्षक लगती हैं, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती हैं।

खतरा कहां है?

कई लोग अपनी तस्वीरें ChatGPT या दूसरे AI टूल्स में अपलोड कर Ghibli स्टाइल में कस्टमाइज कर रहे हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये तस्वीरें कहां स्टोर हो रही हैं और इनके साथ क्या किया जा सकता है? AI प्लेटफॉर्म्स पर अपनी पर्सनल तस्वीरें अपलोड करना आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा बन सकता है।

लापरवाही पड़ी भारी

बता दें कि ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। कुछ साल पहले Clearview AI नाम की कंपनी पर बिना इजाजत 3 अरब से ज्यादा तस्वीरें चुराने का आरोप लगा था, जिसे उन्होंने पुलिस और प्राइवेट कंपनियों को बेचा।

इसके अलावा, 2024 मई में ऑस्ट्रेलिया की Outabox कंपनी का डेटा लीक हुआ, जिसमें 10 लाख से ज्यादा लोगों के फेशियल स्कैन, ड्राइविंग लाइसेंस और पते चोरी हो गए। इस डेटा को एक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया, जिससे हजारों लोग Identity Theft और साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए।

सुरक्षित कैसे रहें?

  • सोच-समझकर अपलोड करें: किसी भी AI टूल में अपनी पर्सनल तस्वीरें अपलोड करने से पहले उसकी सिक्योरिटी पॉलिसी को पढ़ें।
  • फेक या प्राइवेट डेटा का उपयोग करें: यदि किसी टूल पर प्रयोग करना ही हो, तो असली तस्वीरों की जगह फेक इमेज या कम संवेदनशील तस्वीरें अपलोड करें।
  • प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें: सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को सुनिश्चित करें कि आपकी तस्वीरें पब्लिक न हों।
  • AI टूल्स की वैधता जांचें: अनजान या कम भरोसेमंद टूल्स से बचें और केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का ही इस्तेमाल करें।

आपके चेहरे से कोई और कमा रहा पैसा

अगर आपको लगता है कि AI से अपनी तस्वीरें बनवाना सिर्फ मनोरंजन के लिए है, तो आपको एक बार फिर से सोचने की जरूरत है। फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और 2025 तक इसका आकार 5.73 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। 2031 तक यह 14.55 बिलियन डॉलर का हो सकता है।

डेटा का गलत यूज

Meta और Google जैसी बड़ी टेक कंपनियों पर पहले भी यह आरोप लग चुके हैं कि वे यूजर्स की तस्वीरों का उपयोग अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए करती हैं। यानी कि आपकी अपलोड की गई तस्वीरें AI को और बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन इसकी कीमत आपकी निजता हो सकती है।

PimEyes और फेशियल रिकॉग्निशन का खतरा

PimEyes जैसी वेबसाइट्स किसी भी व्यक्ति की तस्वीर को अपलोड करके उसकी पूरी डिजिटल उपस्थिति को ट्रैक कर सकती हैं। यह एक गंभीर खतरा है क्योंकि इससे स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और साइबर अपराधों के मामले बढ़ सकते हैं।

क्या कर सकते हैं?

  • सोच-समझकर शेयर करें: अपनी तस्वीरें किसी भी एआई प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने से पहले उसके डेटा पॉलिसी को पढ़ें।
  • फेस रिकॉग्निशन को डिसेबल करें: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फेस रिकॉग्निशन फीचर को बंद कर दें।
  • सिक्योरिटी सेटिंग्स चेक करें: अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत रखें और केवल भरोसेमंद एप्स का ही इस्तेमाल करें।

Meta और Meta जैसी बड़ी कंपनियों पर अक्सर ये आरोप लगते हैं कि वे यूजर्स की तस्वीरों का यूज अपने AI मॉडल्स को बेहतर बनाने के लिए करती हैं। इसके अलावा, PimEyes जैसी वेबसाइट्स की मदद से कोई भी व्यक्ति आपकी तस्वीर अपलोड करके आपकी पूरी डिजिटल मौजूदगी का पता लगा सकता है। इससे स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और साइबर क्राइम जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।

खुद को सुरक्षित रखने की जरूरत

AI टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इसका इस्तेमाल लापरवाही से करने पर यह बड़ी मुसीबत भी बन सकती है। डेटा लीक, पहचान की चोरी और साइबर धोखाधड़ी जैसे खतरे हर वक्त मौजूद रहते हैं। इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

आप खुद को कैसे सुरक्षित रखें

  • AI ऐप पर अपनी फोटो अपलोड करना तुरंत बंद करें।
  • सोशल मीडिया पर हाई-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें अपलोड करने से बचें।
  • फेस अनलॉक की जगह मजबूत पासवर्ड या पिन का इस्तेमाल करें।
  • किसी अनजान ऐप को कैमरा एक्सेस न दें।
  • सरकार और टेक कंपनियों से AI और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक के अवैध इस्तेमाल पर सख्त कानून बनाने की मांग करें।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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