जनवरी में अपने कम लागत वाले तर्क मॉडल के साथ सुर्खियां बटोरने वाले DeepSeek ने बीजिंग स्थित इस प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर एक शोध पत्र प्रकाशित किया है।
Self-Developing AI tool : AI को अब तक एक महंगी और जटिल तकनीक माना जाता था, लेकिन अब यह सोच बदलती दिख रही है। चीन की AI स्टार्टअप DeepSeek और त्सिंगहुआ यूनिवर्सिटी ने मिलकर ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसे बहुत कम ट्रेनिंग की जरूरत होती है। इससे AI को डेवलप करना न केवल आसान होगा, बल्कि कम खर्च में भी शानदार रिजल्ट मिलेंगे।
AI ट्रेनिंग पर नहीं होगा भारी खर्च
अब तक किसी भी AI टूल को लॉन्च करने से पहले उसकी लंबी और महंगी ट्रेनिंग जरूरी होती थी, जिसमें काफी समय और संसाधन लगते थे, लेकिन DeepSeek का नया तरीका इस प्रक्रिया को काफी सिंपल बना सकता है। इसका मकसद है कि कम संसाधनों में भी AI मॉडल्स अच्छे से काम करें और ऑपरेशनल खर्च घटे।
“सेल्फ-प्रिंसिपल्ड क्रिटिक ट्यूनिंग” तकनीक
DeepSeek ने जनवरी में अपने कम लागत वाले रीजनिंग मॉडल से सबका ध्यान खींचा था। ऐसे में अब उन्होंने त्सिंगहुआ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के साथ मिलकर एक नया रिसर्च पेपर पेश किया है, जिसमें एक अलग तरह की रिइन्फोर्समेंट लर्निंग टेक्नोलॉजी का जिक्र है। इसे ‘Self-Principled Critic Tuning’ कहा गया है।