Sansad Bhashini के माध्यम से AI के यूज से न केवल सांसदों को भाषाई सहायता मिलेगी, बल्कि संसदीय कार्य भी अधिक सुचारू और डिजिटल रूप से उन्नत हो जाएगा।
AI in Indian Parliament: भारत की संसद में भाषाई बाधाओं को खत्म करने और कामकाज को आसान बनाने के लिए Sansad Bhashini नाम का एक AI समाधान पेश किया गया है। इसके लिए MeitY ने आपस में एक समझौता किया है। Sansad Bhashini के जरिए भारत की भाषाई विविधता को सम्मान मिलेगा और संसद में संवाद को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
कैसे मदद करेगा AI?
यह AI-सिस्टम सांसदों, रिसर्चर और शिक्षाविदों को अकादमी पार्लियामेंट डॉक्यूमेंट मौजूद कराने में मदद करेगा।
- तुरंत अनुवाद: संसद में अलग-अलग भाषाओं में मौजूद डॉक्यूमेंट को तेजी से दूसरी भाषाओं में ट्रांसलेट किया जा सकेगा।
- सांसदों की सुविधा: सांसद अपनी मातृभाषा में संसदीय कार्यवाही को आसानी से समझ सकेंगे और एक्टिव रूप से भाग ले सकेंगे।
- डिजिटल प्रक्रियाएं: संसदीय कामकाज को डिजिटल और सुव्यवस्थित तरीके से किया जाएगा, जिससे समय की बचत होगी।
Sansad Bhashini के फायदे
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भाषणों का त्वरित अनुवाद
AI की मदद से संसद में दिए गए भाषणों का तेजी से ट्रांसलेट किया जाएगा। इससे सांसद अपनी मातृभाषा में कार्यवाही को आसानी से समझ पाएंगे और बेहतर तरीके से अपनी बात रख सकेंगे।
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बहुभाषी संसदीय अभिलेख
यह सिस्टम एमपी और रिसर्चरों को संसद में हुए पुराने वाद-विवाद, बिल और दूसरे डॉक्यूमेंट को कई लैंग्वेज में पढ़ने की सुविधा देगा। इससे जानकारी तक पहुंच आसान हो जाएगी।
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डिजिटल सशक्तिकरण
AI तकनीक के आने से संसद की कार्यवाही ज्यादा ऑर्गेनाइज और इफेक्टिव हो जाएगी। यह डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढ़ाने का भी एक अहम कदम है।
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पारदर्शिता और समावेशिता
AI और मशीन लर्निंग की मदद से संसदीय प्रक्रिया को पारदर्शी और समावेशी बनाया जा सकता है। इससे देश की विविध भाषाओं को सम्मान मिलेगा और सांसद भाषाई बाधाओं के बिना अपनी बात रख सकेंगे।
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संसद का डिजिटल अपग्रेड
Sansad Bhashini के जरिए संसद का कामकाज तेज, डिजिटल और स्ट्रीमलाइन होगा, जिससे निर्णय प्रक्रिया भी तेज होगी और भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को और मजबूत किया जा सकेगा।
कुल मिलाकर, ‘संसद भाषिणी’ भारत की संसद में एक तकनीकी क्रांति लाने वाली पहल है, जो भाषाई विविधता को सशक्त करने और लोकतंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी।