स्पेन में एक बार फिर राष्ट्रीय संकट सामने आया है। इस बार मामला देश के प्रमुख मोबाइल नेटवर्क के ठप होने का है।
Blackout in Spain : स्पेन में एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर पर संकट देखने को मिला है। इस बार इसका कारण बना देश का प्रमुख मोबाइल नेटवर्क सिस्टम, जो पूरी तरह ठप हो गया है। यह घटना ऐसे समय में हुई जब कुछ ही हफ्ते पहले देश को एक अभूतपूर्व बिजली संकट का सामना करना पड़ा था, जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। इस बार की परेशानी की जड़ है देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी Telefónica, जिसने हाल ही में अपने नेटवर्क में कुछ टेक्नोलॉजी अपग्रेड किए थे। इन बदलावों के बाद अचानक से नेटवर्क में खराबी आ गई, जिससे लाखों लोगों के मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं प्रभावित हुईं। खासकर इमरजेंसी नंबर 112 जैसी सेवाएं भी कई क्षेत्रों में ठप हो गईं, जो कि एक बहुत ही गंभीर स्थिति है।
नेटवर्क ठप – क्या हुआ?
Telefónica ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उन्होंने अपने नेटवर्क में कुछ अपग्रेड किए थे, लेकिन इसका असर कुछ प्रमुख सेवाओं पर पड़ गया। हालांकि, कंपनी ने यह भी कहा कि वे इस तकनीकी खराबी को जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतें सबसे पहले रात के दो बजे के आसपास शुरू हुईं और फिर धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गईं।
कौन-कौन से क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?
इस नेटवर्क संकट ने स्पेन के कई प्रमुख क्षेत्रों को प्रभावित किया। इनमें अरागोन, एक्स्ट्रीमाडुरा, बास्क क्षेत्र और वैलेन्सिया। इन सभी क्षेत्रों में इमरजेंसी सेवाएं जैसे 112 नंबर भी बंद हो गई थीं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों जैसे वैलेन्सिया, ला रिओखा, आंदालूसिया और अरागोन में सेवाएं बहाल कर दी गईं। मगर जिस वक्त सेवाएं बंद रहीं, उस दौरान आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
सरकार की प्रतिक्रिया
स्पेन के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्रालय ने इस पूरी स्थिति पर नजर रखने की बात कही है। मंत्रालय ने टेलीकॉम कंपनियों से इस समस्या की तकनीकी जानकारी और समाधान की समयसीमा मांगी है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इस प्रकार की घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए भविष्य में कड़े कदम उठाए जाएंगे।
साइबर हमले की जांच
सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने स्पष्ट किया है कि यह बिजली कटौती किसी तकनीकी खराबी या रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम की विफलता के कारण नहीं हुई थी। इस घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों, ऊर्जा मंत्रालय, ऊर्जा ग्रिड ऑपरेटर REE और उच्च न्यायालय को शामिल किया गया है। REE की प्रमुख बिएत्रिज कोरेडोर ने भी यह साफ किया है कि बिजली संकट के लिए नवीनीकरण ऊर्जा प्रणाली को दोष नहीं दिया जा सकता। इसके पीछे कोई बाहरी दखल या संभावित साइबर अटैक हो सकता है।