चीन की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
India AI Game: भारत ने सेमीकंडक्टर सेक्टर में एक अहम कदम उठाया है। इससे चीन की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बड़ा शॉक लग सकता है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनी Lam Research भारत में 10,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश करने जा रही है। यह भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
भारत बन सकता है मजबूत खिलाड़ी
भारत का यह कदम देश को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में एक मजबूत खिलाड़ी बना सकता है। अगर ऐसा होता है तो चीन के प्रभुत्व को चुनौती मिल सकती है। सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन में चीन की हिस्सेदारी बहुत बड़ी है। अगर भारत में यह निवेश बढ़ता है, तो यह चीन के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन सकता है। 1990 में सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन में अमेरिका की हिस्सेदारी 37 फीसदी थी, जबकि 2020 में चीन की हिस्सेदारी बढ़कर 15 फीसदी हो गई। ऐसे में क्यास लगाए जा रहे हैं कि 2025 तक चीन का सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन 24 फीसदी तक पहुंच सकता है।
इन्वेस्टमेंट की हो रही प्लानिंग
इस निवेश को पीएम मोदी के सेमीकंडक्टर विजन की दिशा में आगे बढ़ने के तौर पर देखा जा रहा है। भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर सेक्टर में करीब 76,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। वहीं, हाल ही में 5 सेमीकंडक्टर इकाइयों के लिए सब्सिडी को मंजूरी भी दी गई है। यह इन्वेस्टमेंट भारत को सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन के क्षेत्र में एक बड़ा खिलाड़ी बना सकता है।
क्या है सेमीकंडक्टर और क्यों है इतना इम्पॉर्टेंट है?
सेमीकंडक्टर AI के लिए एक शक्तिशाली इंजन के रूप में काम करते हैं। अगर आपको कोई भी जानकारी तेजी से चाहिए, तो सेमीकंडक्टर इस जानकारी को तेजी से प्रोसेस कर सकते हैं। AI पूरी तरह से सेमीकंडक्टर पर निर्भर है, ऐसा इसलिए है क्योंकि यह डेटा को तेजी से प्रोसेस करता है। इसे स्टोर भी किया जाता है। 2020 में चीन की हिस्सेदारी बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई। 2025 तक चीन का सेमीकंडक्टर उत्पादन 24 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।