Meta अगर जीत गई ये केस, तो आपकी प्राइवेसी होगी Leak!

7 mins read
48 views
WhatsApp
January 12, 2025

अगर WhatsApp का मालिकाना हक रखने वाली मेटा कंपनी भारत में कोई केस जीत जाती है तो लोगों की प्राइवेसी को बड़ा खतरा हो जाएगा।

WhatsApp Privacy policy: अगर आप WhatsApp का ज्यादा यूज करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। अगर आप WhatsApp पर अपना सारा प्राइवेट काम या ऑफिस का काम करते हैं तो हो सकता है कि जल्द ही आपका डेटा प्राइवेट न रहे। दरअसल, WhatsApp का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी Meta ने NCLAT में अपील दायर की है और अगर कंपनी ये केस जीत जाती है तो WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी में काफी बदलाव हो सकते हैं।

क्या है मामला

2021 में WhatsApp ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किया था। इसमें WhatsApp ने विज्ञापन के लिए Meta की दूसरी कंपनियों के साथ अपना डेटा शेयर करने की बात कही थी, जिसके बाद CCI ने इस मामले में सुनवाई की थी। CCI ने माना कि WhatsApp की बाजार में मजबूत स्थिति है। इसलिए वह इसका फायदा उठाकर अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में इस तरह से यूजर के डेटा से छेड़छाड़ नहीं कर सकता।

इसे देखते हुए 18 नवंबर 2024 को CCI ने WhatsApp पर 5 साल के लिए विज्ञापन के लिए Meta की दूसरी कंपनियों के साथ यूजर का डेटा शेयर करने पर रोक लगा दी थी, जबकि उसने पहले ही WhatsApp पर अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाने के लिए 213 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस जुर्माने के खिलाफ Meta ने NCLAT में अपील दायर की है, जिस पर अब 16 जनवरी को NCLAT सुनवाई करेगा।

मुकदमा जीतने के बाद क्या-क्या होगा बदलाव

Meta अगर NCLAT में यह केस जीत जाता है तो उसके ऊपर लटक रही 213 करोड़ के जुर्माने की तलवार हट जाएगी। इसके अलावा, Meta के लिए WhatsApp का डेटा को अपनी दूसरी कंपनी जैसे कि Facebook और Instagram के साथ शेयर करने का रास्ता खुल जाएगा।

इतना ही नहीं, WhatsApp पर Instagram और Facebook के विज्ञापन भी आप देख सकते हैं। हालांकि, आपको बता दें कि यह सब तभी होगा जब NCLAT Meta के पक्ष में फैसला सुनाएगा।यह भी संभव है कि NCLAT Meta से 213 करोड़ रुपये का जुर्माना हटा दे, या जुर्माना कम कर दे।

प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चिंता को देखते हुए वह CCI की बाकी गाइडलाइंस को भी मान सकता है। यह मामला अब NCLAT के चेयरपर्सन जस्टिसअशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने है।

CCI की गाइडलाइन में थी ये बातें

CCI ने जब अपना फैसला सुनाया तो उसने कई पहलुओं पर अपना पक्ष रखा। जैसे कि भारत में WhatsApp की मैसेजिंग सेवा का यूज करने के लिए अनिवार्य शर्त के रूप में यूजर्स से उनका डेटा शेयर नहीं करवाया जा सकता। इतना ही नहीं, WhatsApp को इस बात का डिटेल विवरण देना होगा कि किस यूजर का डेटा Meta की किस कंपनी या उत्पाद के साथ और किस उद्देश्य से शेयर किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp को यूजर्स का डेटा शेयर करने के लिए यूजर्स की सहमति भी लेनी होगी। भारत ही नहीं 2021 में जर्मनी के डेटा प्रोटेक्शन कमिश्नर ने भी WhatsApp के डेटा के इस्तेमाल को लेकर Facebook पर अस्थायी बैन लगाया था। आयरलैंड ने भी इसी तरह का बैन लगाया था।

WhatsApp की 2021 की गोपनीयता नीति अपडेट में बताया गया है कि Facebook यूजर के डेटा को कैसे स्टोर और उपयोग करेगा। इसमें CCI ने पाया कि WhatsApp ने इसे यूजर्स के सामने ऐसे रखा है कि या तो वह इसे स्वीकार कर लें या WhatsApp छोड़ दे। इसने इसे WhatsApp द्वारा व्यापार करने का अनुचित तरीका बताया।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Aadhaar card
Previous Story

आपके आधार कार्ड पर कितने SIM Card एक्टिव? ऐसे करें पता

Latest from Latest news

International Data Breach

International Data Breach: खतरे में है इन फेमस ऐप्स के लाखों यूजर्स का सेंसिटिव डेटा

Vinted, Spotify, Candy Crush और Tinder जैसे लोकप्रिय ऐप्स के लाखों उपयोगकर्ताओं का संवेदनशील लोकेशन डेटा किसी अज्ञात हैकर ने चुरा लिया है। International
New rules of social media

सोशल मीडिया के नए रूल: पैरेंट्स की इजाजत बिना बच्चे नहीं बना पाएंगे अकाउंट

भारत सरकार ने बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट का मसौदा जारी किया है। Social Media
WEF Report 2025

WEF Report 2025: फ्यूचर टेक्नोलॉजी अपनाने में भारत टॉप पर

भारत में 35 प्रतिशत नियोक्ताओं का मानना ​​है कि सेमीकंडक्टर और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों को अपनाने से उनके परिचालन में बदलाव आएगा, जबकि वैश्विक स्तर
Google

कोर्ट में रिजेक्ट हुई Google की ये अपील, लग सकता है जुर्माना

Google पर कैलिफोर्निया के अनधिकृत धोखाधड़ी वाले कंप्यूटर एक्सेस कानून का उल्लंघन करने का आरोप है। Google Appeal Reject: सैन फ्रांसिस्को की संघीय कोर्ट

Don't Miss