Google ने अपनी नई क्वांटम कंप्यूटिंग चिप पेश की है, जो सुपरकंप्यूटर से कई गुना आगे है। इस चिप के लॉन्च की सुंदर पिचाई ने की है।
Google New Quantum Chip Willow : Google ने हाल ही में नया क्वांटम कंप्यूटिंग चिपसेट लॉन्च किया है। सुंदर पिचाई ने एक्स पर इसको लेकर जानकारी दी है। Google की क्वांटम कंप्यूटिंग चिपसेट की वाह-वाही एलन मस्क तक ने की है। अब सवाल ये उठता है कि जिस क्वांटम कंप्यूटिंग चिप की तारीफ हो रही है, वह क्या है?। दरअसल, दुनिया के सुपर कंप्यूटर जिस कैलकुलेशन को कई सालों में हल करते हैं, उसे अब क्वांटम कंप्यूटिंग चिप की मदद से कुछ ही मिनटों में हल कर लिया जाएगा।
Google Willow चिप मिनटों में हल करेगी हर समस्या
Google के क्वांटम कंप्यूटिंग चिप Willow के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह चिपसेट 5 मिनट में हर तरह की समस्या को सॉल्व कर लेगा। हालांकि, दुसरे सुपरकंप्यूटर को हल करने में करीब 10 से 25 साल लग जाएंगे। इस मामले को लेकर अब सुंदर पिचाई ने एक्स पर लिखा है कि Google ने Willow चिप के रूप में क्वांटम कंप्यूटिंग की नई स्टेट ऑफ आर्ट पेश की है, जो कैलकुलेशन की कमियों को दूर करने में माहिर है।
कब हो सकेगा इसका इस्तेमाल
एक्सपर्ट की मानें तो यहा प्रैक्टिकली तौर पर Google की नई Willow चिप को इस्तेमाल में आने में कई साल लग सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने होंगे। Google की नई क्वांटम कंप्यूटिंग चिप का यूज चिकित्सा खोज, न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर एनर्जी और कार बैटरी डिजाइन जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है। क्वांटम कंप्यूटिंग क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर काम करती है, जो पारंपरिक कंप्यूटरों से काफी अलग होता है। इसमें गणना के लिए सब-एटॉमिक पार्टिकल के व्यवहार का उपयोग किया जाता है, जिससे सुपर कंप्यूटर की तुलना में गणना की गति तेज हो जाती है।
क्या है इसके नुकसान
क्वांटम कंप्यूटिंग के कई फायदे हैं, लेकिन इसके नकुसान की चिंता भी जताई जा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि क्वांटम कंप्यूटिंग की मदद से मौजूदा एन्क्रिप्टेड मॉडल को तोड़ा भी जा सकता है। इसके चलते संवेदनशील डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। वहीं, क्वांटम कंप्यूटिंग से बचने के लिए Apple पहले से ही एन्क्रिप्टेड iMessage को क्वांटम प्रूफ बना रहा है, ताकि भविष्य में होने वाली खतरों से बचा जा सके।