Stock crash पिछले हफ्ते भर से गिरावट झेल रहे Fischer Medical Ventures Ltd. के शेयर ने शुक्रवार भी की शुरुआत भी झटके के साथ की। जैसे ही बाजार खुला स्टॉक सीधे लोअर सर्किट पर पहुंच गया। स्टॉक 58.75 रुपये पर अटक गया। ऐसा नहीं है कि कंपनी के तिमाही नतीजे खराब हैं। निवेशक भी यह देखकर हैरान है। सभी कहना है कि जब तिमारी में कंपनी के बेहद मजबूत रहा तो आखिर ऐसे कैसे हो गया। जितनी मजबूती दिखी, उतनी ही तेजी से शेयर लुढ़क भी गया। 31 अक्टूबर को जहां यह 117 रुपये के स्तर पर था, वहीं लगातार छह दिन की गिरावट के बाद यह 60 रुपये से नीचे आ चुका है। 13 नवंबर को स्टॉक 65.28 रुपये पर बंद हुआ और अगले ही दिन ओपनिंग में लोअर सर्किट लग गया। यह गिरावट इसे 52-Week Low के बेहद करीब ले आई है।
तगड़ी कमाई, लेकिन धड़ाम हुआ शेयर! Fischer Medical में भारी गिरावट, खुलते ही लगा लोअर सर्किट
117% की वृद्धि फिर भी गिरावट
कंपनी के तिमाही नतीजों पर नजर डालें तो तस्वीर पूरी तरह अलग दिखती है। Fischer Medical ने सेल्स में 117% की वृद्धि दर्ज करते हुए 39.66 करोड़ से 86.31 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ। नेट प्रॉफिट 0.29 करोड़ से उछलकर 13.90 करोड़ रुपये पहुंच गया, जिसमें 4600% से ज्यादा का उछाल शामिल है। EBITDA 0.72 करोड़ से बढ़कर 18.73 करोड़ रुपये हुआ और EPS भी 0.05 से 2.15 पर पहुंच गया। इतने मजबूत नतीजों के बावजूद शेयर में भारी गिरावट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सवास उठ रहा है कि आखिर शेयर गिरने ता क्या कारण हो सकता है। ज़्यादा वोलैटिलिटी, ट्रेडिंग,ड्रिवन स्टॉक, Fischer Medical का स्टॉक हाल ही में बिना किसी खास खबर के तेजी से चढ़ा था। ऐसे रैली वाले स्टॉक्स में गिरावट भी उतनी ही तेज होती है। यहां भी वही हुआ-तेजी के बाद तेज मुनाफावसूली। तो नतीजा यही निकलना था।
READ MORE- अब छात्रों को मिलेगा Microsoft 365 Copilot फ्री, जानिए कब तक है ऑफर
मुनाफावसूली से बढ़ा दबाव
बाजार जानकारों की के अनुसार, स्टॉक में हाल की तेजी ने इसे काफी वोलैटाइल बना दिया था। बिना किसी बड़ी खबर के अचानक आई तेज रैली के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी, जिससे दबाव और बढ़ा। साथ ही डिलीवरी वॉल्यूम में लगातार गिरावट दिखी, जो बताता है कि लंबे समय के निवेशकों की रुचि कम हो रही है और ट्रेडर्स की गतिविधियां बढ़ गई हैं।
निवेशकों में डर का वातावरण
इसके अलावा, पिछले एक हफ्ते में जहां Sensex ने 1.40% की बढ़त दर्ज की। वहीं, Fischer Medical के शेयर में 33% की गिरावट आई। मार्केट के मुकाबले यह अंडरपरफॉर्मेंस निवेशकों में और डर पैदा कर रही है। कंपनी का फ्री कैश फ्लो भी पिछले एक साल से नेगेटिव रहा है। वहीं इक्विटी डिल्यूशन के कारण रिटेल निवेशकों की होल्डिंग का मूल्य और कम हुआ है। तकनीकी संकेतक भी कमजोर हैं। स्टॉक सभी मूविंग एवरेज के नीचे ट्रेड कर रहा है और चार्ट पर लगातार लोअर टॉप व लोअर बॉटम बन रहे हैं।
READ MORE- Musk बनाम OpenAI-Apple: कोर्ट ने केस चलाने की दी मंजूरी
मेडिकल टेक्नोलॉजी जुड़ी है कंपनी
Fischer Medical का कारोबार मेडिकल टेक्नोलॉजी से जुड़ा है। कंपनी भारत में घरेलू स्तर पर MRI मशीन बनाने वाली पहली कंपनी है। इसके अलावा CT-Scan सिस्टम, AI आधारित हेल्थ टेक सॉल्यूशंस, डायग्नोस्टिक केमिकल्स और मेडिकल सॉफ्टवेयर का भी निर्माण करती है। विशाखापट्टनम के AMTZ में इसका मैन्युफैक्चरिंग सेटअप मौजूद है। एक्पर्ट की माने तो लंबी अवधि में कंपनी हेल्थ-टेक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। फिलहाल स्टॉक में स्थिरता और भरोसे की कमी बड़े निवेश को रोक रही है।
