इलेक्ट्रिक गाड़ियां खुद होंगी चार्ज, जानिए किस देश ने बनाई ये तकनीक

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November 5, 2025

Wireless Charging Highway इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग होती है। लोग लंबी दूरी तय करने से कतराते हैं। लेकिन अब उनकी समस्या खत्म होने वाली है। फ्रांस ने दुनिया का पहला ऐसा हाईवे तैयार किया है,  जो गाड़ियों को चलते-चलते चार्ज करेगा। यानी  अब चार्जिंग का झंझट दूर होनेवाला है। राजधानी पेरिस के बाहरी इलाके में करीब 1.5 किलोमीटर लंबी यह वायरलेस चार्जिंग रोड तकनीक की दुनिया में क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है। अब खासकर ड्राइवरों को, न तो चार्जिंग स्टेशन पर रुकना पड़ेगा और न ही उन्हें बैटरी खत्म होने की चिंता सताएगी। गाड़ी चलते- चलते खुद चार्ज होती चली जाएगी।

अब सड़क ही बनेगी चार्जिंग स्टेशन! EV गाड़ियां अब चलते- चलते होगी चार्ज

2035 तक 9000 किमी तक बढ़ाने की है योजना

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यह हाईवे दुनिया की पहली वायरलेस चार्जिंग रोड बन गई है। फ्रांस सरकार और इलेक्ट्रॉनिक कंपनी ने मिलकर इस प्रोजेक्ट को विकसित किया है। देश की योजना है कि 2035 तक 9000 किलोमीटर लंबा वायरलेस चार्जिंग नेटवर्क तैयार किया जाए। और इस दिशा में कदम भी बढ़ा चुका है।

ऐसे होता है चार्ज

सड़क के नीचे कॉपर क्वॉइल्स बिछाई गई हैं, जो गाड़ियों के गुजरते ही मैग्नेटिक फील्ड तैयार करती हैं। EV में लगे विशेष रिसीवर इस ऊर्जा को पकड़कर बैटरी चार्ज करते हैं। ठीक उसी तरह जैसे स्मार्टफोन वायरलेस चार्जर पर रखा होने पर चार्ज होता है।

हर मौसम में उपयुक्त

इस तकनीक की सबसे खास बात यह है कि यह बारिश, बर्फबारी या खराब मौसम में भी बिना किसी बाधा के निर्बाध रूप से वाहनों को चार्ज करती रहती है। सड़क के भीतर लगी कॉपर क्वॉइल्स इतनी सुरक्षित ढंग से डिज़ाइन की गई हैं कि पानी या नमी का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। यह तकनीक मौसम के हर मिजाज को भांपने की क्षमता रखती है।

कितनी तेज है यह चार्जिंग?

Gustave Eiffel यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, यह सड़क 200kW तक की चार्जिंग स्पीड देती है। टेस्ला के V3 सुपरचार्जर जितनी तेज होने की बात कही जा रही है। यह बस, ट्रक, कार या स्कूटर जैसी कोई भी इलेक्ट्रिक गाड़ी को चलते-चलते बैटरी रिचार्ज कर सकती है।

किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?

लंबी दूरी तय करने वाले वाहन मालिकों को इस तकनीक से सबसे अधिक राहत मिलेगा। आमतौर पर EV की सीमित रेंज और लंबा चार्जिंग समय यात्रा में बड़ी बाधा बनता है। लेकिन इस वायरलेस चार्जिंग हाईवे तकनीक के आ जाने से वाहन बिना रुके सफर जारी रख सकता है। बिजनेस, व्यापार से जुड़े लोगों जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी। सरकार को डीजल पेट्रोल पर निर्भरता में कमी आएगी।

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इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को मिलेगी नई दिशा

फ्रांस का यह प्रोजेक्ट न सिर्फ यूरोप बल्कि पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के भविष्य को नई दिशा दे सकता है। अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो आने वाले वर्षों में भारत सहित कई देश इस मॉडल को अपनाकर ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन रेवोल्यूशन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

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