Crypto Exchanges India Ban: भारतीय सरकार ने ऑफशोर क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई तेज कर दी है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि उसने 25 वर्चुअल डिजिटल एसेट सेवा प्रदाताओं को नोटिस भेजा है। इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने भारत के एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का पालन नहीं किया। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई है।
भारत ने ऑफशोर क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी कार्रवाई शुरू की है। 25 कंपनियों को AML नियम न मानने पर नोटिस भेजे गए हैं।
किन कंपनियों को नोटिस मिला
इस सूची में कई बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं जैसे कि सिंगापुर का CoinW, ब्रिटेन का BTCC, हांगकांग का Changelly, अमेरिका का Paxful, कम्बोडिया का Huione, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड का LBank, Saint Lucia का PrimeXBT, Hong Kong का CoinEx, Singapore का Remitano, Boston का Poloniex, Seychelles का BitMEX और Liechtenstein का LCX।
भारी संपत्ति और ट्रेडिंग वॉल्यूम
इन 25 प्लेटफॉर्म्स में से कई का भारतीय बाजार में बड़ा हिस्सा है। BingX, ProBit Global, AscendEX, Zoomex जैसे एक्सचेंज इसमें शामिल हैं, जिनके पास कुल 9 बिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इनमे से 14 प्लेटफॉर्म ने पिछले 24 घंटों में लगभग 20 बिलियन डॉलर का ट्रेडिंग वॉल्यूम दर्ज किया। फिलहाल, सरकार के निर्देश के बावजूद कई प्लेटफॉर्म अभी भी भारत में उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।
कंपनियों की प्रतिक्रिया
CEX.IO के वित्तीय अपराध प्रमुख मार्क टेलर ने कहा कि कंपनी नोटिस का औपचारिक जवाब देने की तैयारी कर रही है। उन्होंने एक बयान में कहा कि कंपनी इस विषय पर गहन शोध कर रही है और नियामक के सामने अपनी स्थिति पेश करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि CEX.IO भारत के नियमों के अनुसार खुद को पंजीकृत कराने और लंबे समय तक भारतीय उपयोगकर्ताओं को सेवा देने के विकल्प खोज रही है। BingX, LBank, CoinW और ProBit Global ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी है।
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नियम और उपयोगकर्ताओं के लिए चेतावनी
2023 में वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स को भारत के एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों के अंतर्गत लाया। इसका मतलब यह है कि कोई भी प्लेटफॉर्म जो क्रिप्टो को कैश में बदलने, डिजिटल एसेट्स ट्रांसफर करने, उन्हें स्टोर करने या मैनेज करने की सुविधा देता है, उसे FIU-IND में पंजीकरण कराना और रिपोर्टिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह नियम गतिविधि आधारित हैं न कि प्लेटफॉर्म की भारत में भौतिक उपस्थिति पर आधारित। पंजीकरण, रिकॉर्ड-कीपिंग और रिपोर्टिंग PMLA के तहत अनिवार्य हैं। सरकार ने उपयोगकर्ताओं को चेतावनी दी है कि बिना रेगुलेशन वाले क्रिप्टो उत्पाद और NFT अत्यधिक जोखिमपूर्ण हो सकते हैं। बयान में कहा गया है कि ऐसे लेन-देन में किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक राहत नहीं हो सकती।
पंजीकृत प्लेटफॉर्म्स की सूची
अब तक, FIU-IND के साथ 50 VDA सेवा प्रदाताओं ने पंजीकरण कराया है। नियामक उन प्लेटफॉर्म्स की पहचान कर कार्रवाई कर रहा है जो भारतीय उपयोगकर्ताओं को सेवा दे रहे हैं लेकिन पंजीकृत नहीं हैं। पहले भी FIU ने Binance, Coinbase, KuCoin और OKX जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कार्रवाई की है। OKX ने 2024 में भारत छोड़ दिया था, जबकि Binance ने अगस्त 2024 में FIU-IND पंजीकरण पूरा करने के बाद वापसी की। Coinbase ने इस साल भारत में अपनी सेवाएं फिर से शुरू कीं और स्थानीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक प्रारंभिक एक्सेस प्रोग्राम पेश किया।
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सरकार का संदेश
इस नई कार्रवाई के साथ भारत सरकार यह साफ कर रही है कि ऑफशोर क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स को भारतीय नियमों का पालन करना होगा। अन्यथा, वे दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो बाजार में अपनी पहुंच खो सकते हैं। सरकार का यह कदम क्रिप्टो मार्केट में पारदर्शिता बढ़ाने और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से है। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जा रही है कि वे केवल पंजीकृत और नियमों का पालन करने वाले प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें ताकि किसी भी तरह के वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।