Arm ने लॉन्च किया नए मोबाइल चिप डिजाइन, स्मार्टफोन होंगे ज्यादा स्मार्ट

5 mins read
418 views
Arm ने लॉन्च किया नए मोबाइल चिप डिजाइन, स्मार्टफोन होंगे ज्यादा स्मार्ट
September 10, 2025

Arm AI Chips: Arm होल्डिंग्स ने मंगलवार को अपनी नई पीढ़ी के चिप डिजाइन Lumex पेश किया है। ये चिप्स खास तौर पर AI के लिए तैयार किए गए हैं ताकि स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच जैसे डिवाइस बिना इंटरनेट या क्लाउड सपोर्ट के भी एडवांस AI फीचर्स चला सकें। 

नए Arm Lumex चिप्स चार वेरिएंट्स में आए हैं, जिनमें स्मार्टवॉच के लिए एनर्जी बचाने वाले और हाई एंड स्मार्टफोन के लिए पावरफुल मॉडल शामिल हैं।

Lumex चिप्स के चार वेरिएंट 

Arm ने Lumex डिजाइन को चार वेरिएंट्स में लॉन्च किया है। इनमें से हल्के और एनर्जी बचाने वाले वर्जन स्मार्टवॉच और वियरेबल डिवाइस के लिए बनाए गए हैं। वहीं, इसका सबसे पावरफुल वर्जन बड़े AI मॉडल्स को भी आसानी से रन कर सकता है जो खासकर हाई एंड स्मार्टफोन्स के लिए डिजाइन किया गया है। 

READ MORE: सावधान! Amazon की नई टेक्नोलॉजी बताएगी चोरी या छेड़छाड़ का सच 

AI के लिए बड़ा कदम 

Arm के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और जनरल मैनेजर क्रिस बर्गी ने कहा कि AI अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे रियल टाइम बातचीत हो या फिर AI ट्रांसलेशन जैसे फीचर्सयूजर्स अब इसे एक जरूरत की तरह देख रहे हैं। 

कंपनी की रणनीति 

ये नए Lumex डिजाइन आर्म के कंप्यूट सबसिस्टम्स बिजनेस का हिस्सा हैं। इसका मकसद मोबाइल कंपनियों और चिप डिजाइनर्स को ऐसी टेक्नोलॉजी देना है जिससे वह तेजी से नए प्रोडक्ट्स बना सकें। कंपनी लंबे समय के लिए अपनी आमदनी बढ़ाने की दिशा में यह कदम उठा रही है। इसके अलावा, Arm ने साफ किया है कि वह भविष्य में अपने खुद के चिप्स बनाने की संभावनाओं पर काम कर रही है और इसके लिए कई अनुभवी एक्सपर्ट को टीम में शामिल किया है। 

READ MORE: Apple पर लगा टेक्नोलॉजी चोरी का आरोप, जानें पूरा मामला 

3-नैनोमीटर टेक्नोलॉजी और लॉन्च इवेंट 

Lumex चिप्स को 3 नैनोमीटर नोड्स के लिए ऑप्टिमाइज किया गया है जो TSMC जैसी कंपनियां इस्तेमाल कर रही हैं। हाल ही में Apple ने भी अपने iPhone चिप्स इसी प्रोसेस पर लॉन्च किए हैं। Arm अपने नए Lumex डिजाइन का लॉन्च इवेंट बुधवार को चीन में आयोजित करेगी क्योंकि Apple और Samsung के अलावा ज्यादातर बड़े स्मार्टफोन निर्माता वहीं मौजूद हैं। 

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

iPadOS 26 अपडेट: 15 सितंबर से होगा रोलआउट
Previous Story

iPadOS 26 अपडेट: 15 सितंबर से होगा रोलआउट

ऑपरेशन थिएटर में चीन का AI रोबोट, इंसानों की करेगा सर्जरी
Next Story

ऑपरेशन थिएटर में चीन का AI रोबोट, इंसानों की करेगा सर्जरी

Latest from Tech News

अब-बदलेगा-चैटिंग-का-खे

अब बदलेगा चैटिंग का खेल! Arattai को WhatsApp के मुकाबले उतारने की तैयारी में Zoho

Zoho Arattai New Update: भारत में स्वदेशी मैसेजिंग ऐप Arattai एक बार फिर चर्चा में है। वजह हैं Zoho के फाउंडर और CEO Sridhar Vembu। जिन्होंने संकेत दिया है कि अरट्टई को WhatsApp जैसी दिग्गज ऐप्स के मुकाबले खड़ा करने के लिए बड़े
WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

Justin Sun WLFI: क्रिप्टो इंडस्ट्री के बड़े नाम और TRON के संस्थापक जस्टिन सन एक विवाद में फंसे हुए हैं। यह विवाद World Liberty Financial नाम के DeFi प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसका संबंध अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार से बताया जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन सन के फ्रीज किए गए WLFI टोकनों की वैल्यू करीब 60 मिलियन डॉलर गिर चुकी है। हैरानी की बात यह है कि WLFI के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल होने के बावजूद जस्टिन सन पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से ब्लैकलिस्टेड हैं और उनके टोकन अब भी लॉक हैं।  WLFI टोकन फ्रीज होने के बाद जस्टिन सन की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जानिए कैसे ट्रंप से जुड़े इस क्रिप्टो प्रोजेक्ट में उनका करोड़ों डॉलर का निवेश फंसा हुआ है।   कैसे हुई विवाद की शुरुआत  यह पूरा मामला सितंबर में WLFI के टोकन जेनरेशन इवेंट के बाद शुरू हुआ है। 2 सितंबर को जस्टिन सन ने बताया था कि उन्होंने 200 मिलियन डॉलर के WLFI टोकन क्लेम किए हैं और उनके पास कुल 600 मिलियन टोकन मौजूद हैं। उस समय ब्लॉकचेन डेटा के अनुसार, उनकी कुल WLFI होल्डिंग्स की कीमत लगभग 900 मिलियन डॉलर थी। उस समय जस्टिन सन ने साफ कहा था कि वह टोकन बेचने वाले नहीं हैं और इस प्रोजेक्ट के लंबे समय तक सपोर्टर बने रहेंगे।’  Justin Sun is still blacklisted by WLFI in 3 months, his locked tokens dropped $60m in
Prompt-Injection

Prompt Injection कैसे बन सकता है यूजर्स के लिए खतरा?

Openai AI Browser Security: AI टेक्नोलॉजी तेजी से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनती जा रही है। अब ऐसे AI एजेंट्स आ चुके हैं जो इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं, लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, स्क्रॉल कर सकते हैं और यूजर की तरफ से काम भी कर सकते हैं। OpenAI का नया सिस्टम ChatGPT Atlas Agent Mode भी ऐसा ही एक ब्राउजर बेस्ड AI है, जो डिजिटल असिस्टेंट की तरह काम करता है, लेकिन इस स्मार्ट तकनीक के पीछे एक गंभीर सुरक्षा चिंता भी छुपी है, जिसे OpenAI ने खुद खुलकर स्वीकार किया है।  AI ब्राउजर एजेंट्स इंटरनेट चलाने में मदद तो करते हैं, लेकिन OpenAI ने खुद इनके सिक्योरिटी जोखिम को लेकर चेतावनी दी है, जानिए Prompt Injection क्या है और यह यूजर्स के लिए क्यों खतरनाक हो सकता है।  सुरक्षित नहीं हैं AI ब्राउजर  OpenAI का कहना है कि चाहे AI कितना भी स्मार्ट क्यों न हो, ऐसे ब्राउजर एजेंट्स को पूरी तरह सुरक्षित बनाना बेहद मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह Prompt Injection Attack है। कंपनी इसे एक लॉन्ग टर्म AI सिक्योरिटी चैलेंज मानती है और यह भी मानती है कि साइबर हमलावर पहले से ही इन AI सिस्टम्स को गुमराह करने के तरीके खोज रहे हैं।  Prompt Injection क्या होता है?  Prompt Injection एक ऐसा तरीका है जिसमें किसी वेबसाइट, ईमेल, PDF, डॉक्युमेंट या कैलेंडर इनवाइट के अंदर छुपे हुए निर्देश डाले जाते हैं। AI इन छुपे मैसेज को असली कमांड समझ लेता है और यूजर के आदेशों को नजरअंदाज करके हमलावर की बात मान लेता है।  इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है?  OpenAI के मुताबिक, अगर ऐसा हमला सफल हो जाए तो AI एजेंट प्राइवेट ईमेल आगे भेज सकता है, बिना अनुमति पैसे ट्रांसफर कर सकता है, पर्सनल फाइल्स लीक कर सकता है, गलत या अफवाह वाले मैसेज लिख सकता है और ऑफिस के टूल्स का गलत इस्तेमाल कर सकता है जैसे काम कर सकता है।  READ MORE: भारत में ही क्यों Free मिल रहा OpenAI, Google और Perplexity?  इस खतरे से खुद कैसे लड़ रहा है OpenAI?  OpenAI सिर्फ खतरे नहीं बता रहा है। दरअसल, कंपनी ने खुद एक AI रेड टीम अटैकर सिस्टम बनाया है। यह सिस्टम हैकर की तरह सोचता है और बार–बार AI ब्राउजर पर हमला करने की कोशिश करता है। यह अटैकर AI

Don't Miss