ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जिन ड्रोन से भारत पर हमला किया था, वे तुर्की ने ही सप्लाई किए थे।
Turkey Advanced Defense Technology: तुर्की अब दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है, जो अपनी डिफेंस टेक्नोलॉजी में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। खास बात यह है कि तुर्की अब पाकिस्तान जैसे देशों को हथियार और मिसाइल सिस्टम सप्लाई कर रहा है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि तुर्की के पास खुद कितनी एडवांस और आधुनिक टेक्नोलॉजी है। क्या वह पूरी तरह से खुद पर निर्भर है या फिर हथियारों के लिए किसी और देश पर भी निर्भर करता है?
तुर्की की एडवांस मिसाइल टेक्नोलॉजी
बीते कुछ सालों में तुर्की ने अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी को काफी मजबूत किया है। कई हथियार और मिसाइल सिस्टम तुर्की ने खुद डिजाइन और डेवलप किए हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख तुर्की मिसाइलों के बारे में
- एटमकामिसाइल: यह एक समुद्र से लॉन्च होने वाली क्रूज मिसाइल है। इसका इस्तेमाल दुश्मन के जहाजों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। इसकी मारक क्षमता 250 से 400 किलोमीटर तक की है।
- SOM मिसाइल: यह एक एयर-टू-ग्राउंड यानी हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है। इसे फाइटर जेट से लॉन्च किया जाता है। इसकी रेंज लगभग 180 किलोमीटर है।
- Gokdogan और Bozdogan: ये दोनों मिसाइलें हवा में उड़ रहे दुश्मन के विमानों को टारगेट करने के लिए बनाई गई हैं। इन मिसाइलों को तुर्की ने घरेलू स्तर पर तैयार किया है और इनका ट्रायल भी सफल रहा है।
तुर्की के दमदार ड्रोन सिस्टम
तुर्की ने अपनी डिफेंस टेक्नोलॉजी को पिछले कुछ सालों में काफी मजबूत बनाया है, खासकर ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में। आइए जानते हैं इसके प्रमुख सिस्टम के बारे में।
Bayraktar TB2: यह तुर्की का सबसे चर्चित ड्रोन है। मीडियम ऊंचाई पर लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है। यह मिसाइलों से लैस होता है और दुश्मन के ठिकानों को बहुत सटीकता से निशाना बना सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल यूक्रेन और अजरबैजान जैसे देशों में युद्ध के दौरान हुआ है।
Akinci Drone
ये Bayraktar से बड़ा और ताकतवर ड्रोन है। यह भारी हथियार उठा सकता है और लंबी दूरी तक उड़ सकता है। Akinci में एडवांस सेंसर और रडार लगे होते हैं, जो इसे खतरनाक बनाते हैं। इसका इस्तेमाल अफ्रीकी देशों में भी हो चुका है।
तुर्की का एयर डिफेंस सिस्टम
S-400 डिफेंस सिस्टम (रूस से खरीदा गया)
- यह सिस्टम दुश्मन के फाइटर जेट और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने की क्षमता रखता है।
- तुर्की ने इसे रूस से 2017 में करीब 5 अरब डॉलर में खरीदा था।
- इस डील की वजह से अमेरिका और तुर्की के रिश्तों में खटास आ गई थी और अमेरिका ने तुर्की पर कुछ प्रतिबंध भी लगा दिए थे।
Hisar एयर डिफेंस सिस्टम (घरेलू सिस्टम)
- तुर्की खुद भी Hisar नाम का एयर डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहा है।
- इसका मकसद दुश्मन के ड्रोन, हेलिकॉप्टर और मिसाइल को रोकना है।
- यह पूरी तरह तुर्की में बना हुआ सिस्टम है और भविष्य में आत्मनिर्भरता बढ़ाने में मदद करेगा।