Telegram पर जालसाज अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने Telegram यूजर्स को इस बारे में आगाह किया है।
Telecom Department : भारत में इन दिनों साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जालसाज मासूम लोगों को अपनी जाल में फंसाते हैं और फिर उनके बैंक से लाखों रुपये ऐंठ लेते हैं। अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तरह-तरह के लुभावने लालाच देते हैं और उनसे सारी प्राइवेट जानकारी हासिल कर लेते हैं। ऐसे में अगर आपको भी कोई लुभावने लालच देकर पैसें की मांग करता है या फिर प्राइवेट जानकारी हासिल करने की कोशिश करता है तो उनसे बचकर रहने की जरूरत है। ऐसे में अब जालसाजों ने Telegram के जरिए कई ऐसे स्कैम कर रहे हैं, जिनके बारे में सरकार ने चेतावनी दी है।
Telegram से लोगों को फंसाने की जालसाजी
मोबाइल ऐप्स ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है। मनोरंजन से लेकर घर के कामों तक, किसी भी काम के लिए बाहर जाने की जरूरत अब खत्म हो गई है। लोग अपना ज्यादातर समय मोबाइल ऐप्स पर बिता रहे हैं। इसी वजह से साइबर जालसाज भी इन ऐप्स पर नजर रखते हैं। यहां वे लोगों को अपना शिकार बनाते हैं और चंद सेकंड में उनकी मेहनत की कमाई अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं।
लोगों को कैसे फंसा रहे अपराधी
टेलीकॉम विभाग ने एक्स पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें लोगों से Telegram ऐप के जरिए होने वाले स्कैम से बचने को कहा जा रहा है। वीडियो में कहा गया है कि Telegram पर स्कैमर्स लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। स्कैमर्स बड़ी कंपनियों के नाम पर चैनल या ग्रुप बनाकर लोगों को ऑनलाइन पैसे कमाने का लालच देते हैं, फर्जी लॉटरी मैसेज या फर्जी वेबसाइट के लिंक भेजकर और गिफ्ट कार्ड खरीदने का दबाव बनाकर ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में आप इन सभी मैसेजों से सावधान रहें और दूसरों को भी सावधान रखें।
बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले
देश में साइबर अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जालसाज मोबाइल ऐप, ईमेल, फोन कॉल समेत हर तरह से लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। आजकल डिजिटल ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आपको इन सभी मैसेज को इग्नोर करने की जरूरत है। आपकी छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है।
ऐसे करें खुद का बचाव
- किसी भी संदिग्ध लिंक, वेबसाइट, मैसेज को न खोलें।
- फोन पर किसी के साथ ओटीपी या अन्य व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
- हमेशा आधिकारिक प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें। अनधिकृत और थर्ड पार्टी स्रोतों से डाउनलोड किए गए ऐप नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- अगर आप साइबर अपराध का शिकार बनते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।