इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आरोप है कि Samsung ने टेलीकॉम इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट को गलत तरीके से क्लासिफाई किया, जिससे कंपनी 10% से 20% तक लगने वाले टैरिफ से बच गई।
Samsung vs Government: Samsung दुनिया की जानी-मानी टेक कंपनी Samsung और भारत सरकार के बीच बड़ा टैक्स विवाद खड़ा हो गया है। इनकम टैक्स विभाग ने कंपनी पर करीब 4,451 करोड़ रुपये का भारी टैक्स डिमांड भेजा है। यह विवाद अब टैक्स ट्रिब्यूनल तक पहुंच गया है, जहां Samsung ने इस फैसले को चुनौती दी है।
क्या है पूरा मामला?
सरकार का आरोप है कि Samsung ने कुछ टेलीकॉम उपकरणों की इंपोर्ट क्लासिफिकेशन में गड़बड़ी की, जिससे वह 10% से 20% तक के इंपोर्ट ड्यूटी देने से बच गई। ये वही टूल हैं, जो कंपनी ने Reliance Jio को बेचे थे और जिनका इस्तेमाल देशभर में मोबाइल टावरों में किया गया।
Samsung की सफाई
Samsung ने कहा है कि टैक्स डिपार्टमेंट खुद इस क्लासिफिकेशन से अवगत था और 2017 में Reliance Jio को इस मुद्दे पर चेतावनी दी गई थी, लेकिन Samsung को कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई। कंपनी का कहना है कि अगर उन्हें समय रहते जानकारी मिलती, तो वह प्रक्रिया में बदलाव कर देती। इतना ही नहीं, सरकार ने कंपनी के साथ वरिष्ठ अधिकारियों पर भी करीब 693 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया है। Samsung ने अब कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया है।
जांच में क्या मिला?
रेड के दौरान अधिकारियों ने ईमेल, डॉक्यूमेंट और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए, जिनकी जांच के बाद बड़ा खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 से 2021 के बीच Samsung ने कोरिया और वियतनाम से करीब 6,711 करोड़ रुपये के टेलीकॉम कंपोनेंट्स इंपोर्ट किए, लेकिन इन पर कोई टैरिफ यानी आयात शुल्क नहीं दिया गया।
कस्टम विभाग का गंभीर आरोप
8 जनवरी 2024 को कस्टम कमिश्नर सोनल बजाज ने अपने आदेश में कहा कि Samsung ने जानबूझकर गलत दस्तावेज जमा किए और भारतीय कानूनों व इंडस्ट्री के मानकों का उल्लंघन किया है। उन्होंने इसे टैक्स चोरी और बिजनेस नैतिकता की अनदेखी बताया। Samsung ने अपने बयान में कहा है कि उसने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और वह अब कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है, ताकि अपने हितों की रक्षा कर सके। कंपनी इस पूरे मामले को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है।