Nirmala Sitharaman GIFT City: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को GIFT IFSC में विदेशी मुद्रा निपटान प्रणाली की शुरुआत की। इस नई व्यवस्था से अब विदेशी मुद्रा लेनदेन रीयल-टाइम में पूरे हो सकेंगे। अभी तक ऐसे लेनदेन को पूरा होने में 36 से 48 घंटे लगते थे। यह प्रणाली तरलता प्रबंधन को बेहतर बनाएगी और नियामक अनुपालन को भी मजबूत करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा फिनटेक ने भारत में वित्त को लोकतांत्रिक बनाया है और AI को जनहित में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
GIFT सिटी को मिला वैश्विक वित्तीय केंद्रों में स्थान
सीतारमण ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में कहा कि इस नई सुविधा से GIFT सिटी अब हांगकांग, टोक्यो और मनीला जैसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों की सूची में शामिल हो गई है जहां विदेशी मुद्रा लेनदेन को स्थानीय स्तर पर निपटाने की क्षमता मौजूद है।
फिनटेक ने किया वित्त को लोकतांत्रिक
सीतारमण ने बताया कि फिनटेक ने भारत में वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बना दिया है। भारत आज दुनिया में तीसरे स्थान पर है जहां सबसे अधिक फिनटेक कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया के आधे से अधिक रीयल-टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन करता है।
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सरकार का लक्ष्य फिनटेक सेक्टर को प्रोत्साहित करना है ताकि तकनीक और नवाचार से अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिले। सीतारमण ने कहा कि हम सरकार के रूप में सिर्फ मदद करना चाहते हैं दखल नहीं। हमारा काम व्यवसायों को सक्षम बनाना है, बाधा डालना नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि फिनटेक ने सिर्फ भुगतान प्रणाली को डिजिटल नहीं बनाया बल्कि लोगों को बचत, निवेश, लोन और बीमा की ट्रांसपेरेंट सुविधा दी है।
AI पर सीतारमण का संदेश
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने 1.3 बिलियन डॉलर के इंडिया AI मिशन के जरिए AI के क्षेत्र में मजबूत कदम बढ़ाया है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और इसे जनहित के लिए प्रयोग करना चाहिए।
सीतारमण ने बताया कि AI ने जहां विकास की नई संभावनाएं खोली हैं। वहीं, इसके दुरुपयोग से फेक वीडियो और धोखाधड़ी जैसी चुनौतियां भी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने खुद अपने कई Deepfake वीडियो देखे हैं जो गलत सूचना फैलाने के लिए इस्तेमाल किए गए।
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DBT से सरकार को बड़ी बचत
सीतारमण ने बताया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सरकार ने अब तक 4.31 लाख करोड़ की बचत की है। अब सार्वजनिक धन सीधे असली लाभार्थियों तक पहुंच रहा है न कि फर्जी खातों में।