Pahalgam Attack: NIA का खुलासा, आंतकियों ने यूज किया ये खास डिवाइस

5 mins read
1.6K views
Terror attack
May 1, 2025

पहलगाम हमले की जांच में अब एक नई बात सामने आई है। आतंकियों ने एडवांस तकनीक वाले अल्ट्रा स्टेट कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया था।

Ultra State Communication System : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में आतंकियों ने बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया गया था। इस केस की जांच कर रही NIA को कुछ इम्पोर्टेंट सुराग मिले हैं, जो इस हमले के पीछे की प्लानिंग और तकनीक को लेकर चौंकाने वाले हैं।

आतंकियों ने इस्तेमाल किया हाई-टेक कम्युनिकेशन सिस्टम

NIA सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने Ultra State Communication System का यूज किया था। बताया जा रहा है कि ये कोई आम मोबाइल नेटवर्क नहीं है, बल्कि यह सिस्टम बिना सिम कार्ड के काम करता है और इसमें लोकेशन ट्रेस करना भी बहुत मुश्किल होता है।

क्या होता है Ultra State Communication System?

आसान लैंग्वेज में समझें तो यह एक ऐसा हाई-टेक कम्युनिकेशन सिस्टम है, जिससे बिना सिम कार्ड और बिना मोबाइल नेटवर्क के भी आपसी बातचीत की जा सकती है। ये सिस्टम सैटेलाइट या स्पेशल फ्रीक्वेंसी नेटवर्क्स के जरिए काम करता है, जो नॉर्मल आदमी के यूज से बाहर होता है और सुरक्षा एजेंसियों के लिए इसे ट्रैक कर पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है।

इस सिस्टम की रेंज कितनी है?

सिक्योर कम्युनिकेशन के साथ आने वाला यह सिस्टम बहुत कम रेंज में ही काम करता है। फिलहाल, अभी यह नहीं पता चल पाया है कि इस सिस्टम की रेंज कितने किलोमीटर है। सूत्रों की मानें, तो इस सिस्टम के दो सिग्नल अभी तक ट्रेस किए गए हैं। मामले में अब यह नई जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी अपनी जांच तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने न सिर्फ ultra state communication system का इस्तेमाल किया था, बल्कि बॉडी कैमरा और हेलमेट पर encrypted apps का भी इस्तेमाल किया।

आतंकियों को कैसे मिला फायदा?

  • ट्रेस न होना: ये सिस्टम ट्रैकिंग से बचा रहता है, जिससे आतंकियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
  • सेफ कम्युनिकेशन: इसमें बातचीत को इंटरसेप्ट करना बेहद कठिन होता है, जिससे इनकी प्लानिंग गुप्त रहती है।
  • तेज और क्लियर कम्युनिकेशन: यह सिस्टम दूर-दराज के इलाकों में भी काम करता है, जहां मोबाइल नेटवर्क कमजोर होता है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Mark Zuckerberg का दावा, 18 महीने में AI करेगा कोडिंग
Previous Story

Mark Zuckerberg का दावा, 18 महीने में AI करेगा कोडिंग

क्या Elon Musk छोड़ रहे Tesla? चेयरमैन ने बताया पूरा सच
Next Story

क्या Elon Musk छोड़ रहे Tesla? चेयरमैन ने बताया पूरा सच

Latest from Latest news

Suri: The Seventh Not का PS5 ट्रेलर हुआ रिलीज, देखें मजेदार Video

Suri: The Seventh Not का PS5 ट्रेलर हुआ रिलीज, देखें मजेदार Video

Suri, The Seventh Note : बेंगलुरु के Tathvamasi Studios ने अपने अपकमिंग गेम Suri: The Seventh Note का पहला गेमप्ले ट्रेलर रिलीज किया है। यह गेम PS5 और PC पर आएगा और इसे Sony के India Hero Project के तहत डेवलप किया जा रहा है जो चुनिंदा भारतीय डेवलपर्स को सपोर्ट करता है।  इंडिया हेरो प्रोजेक्ट के तहत Sony द्वारा समर्थित Made-in-India गेम Suri: The Seventh Note का पहला गेमप्ले ट्रेलर रिलीज।  क्या है गेम की कहानी  गेम का सेटिंग काल्पनिक द्वीप Suri है। मुख्य किरदार Ajira अपनी मां के इलाज के लिए एक दुर्लभ फल खोजने निकलती है। द्वीप पर अजीब संगीत आधारित भ्रष्टाचार फैल गया है जो पर्यावरण और जीव–जंतुओं की गतिविधियों को बदल देता है।  गेमप्ले का तरीका  इस गेम की खासियत इसका रिदम बेस्ड गेमप्ले है। खिलाड़ी को Ajira को नियंत्रित करते हुए सही समय पर चलना, कूदना और लड़ाई करनी होती है। गेम में पारंपरिक कॉम्बैट या एक्सप्लोरेशन के बजाय प्लेटफॉर्मिंग और रिदम मैकेनिक्स पर ध्यान दिया गया है। द्वीप का वातावरण और दुश्मन संगीत की धुनों के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं।  PS5 के स्पेशल फीचर्स  PS5 वर्सन में Rhythm Haptics Engine नामक फीचर मिलेगा। यह ध्वनि, विजुअल्स और कंट्रोलर वाइब्रेशन को जोड़कर खिलाड़ी को संगीत का अनुभव महसूस कराता है। DualSense कंट्रोलर की हॅप्टिक्स तकनीक का इस्तेमाल करके टोन या इंटेंसिटी में बदलाव को संकेत के रूप में दिखाया जाएगा। इससे खिलाड़ी को गेम की हर धुन और इंटरेक्शन का सटीक फीडबैक मिलेगा।  इंडिया हेरो प्रोजेक्ट में सहयोग  Tathvamasi Studios पिछले एक साल से Sony के India
दिसंबर में लगेगा मोबाइल रीचार्ज पर झटका! बढ़ सकते हैं डेटा प्लान के दाम

दिसंबर में लगेगा मोबाइल रीचार्ज पर झटका! बढ़ सकते हैं डेटा प्लान के दाम

यूजर्स को दिसंबर में लग सकता है टैरिफ काझटका!… भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की नई टैरिफ रिपेयर नीति से मंहगे होंगे रिचार्ज पैक   Mobile Recharge Price Hike देश के मोबाइल यूजर्स के लिए दिसंबर की शुरुआत महंगी
Xiaomi-की-हुई-इंटरनेशनल-बेइज्जती-फोन-की-सुरक्षा-पर-उठे-सवाल

Xiaomi की हुई इंटरनेशनल बेइज्जती, फोन की सुरक्षा पर उठे सवाल

Xiaomi Security Issue: चीनी स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi हाल ही में अंतरराष्ट्रीय चर्चा में आ गई है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने कंपनी के फोन की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, जिससे Xiaomi की अंतरराष्ट्रीय छवि प्रभावित हुई है। यह घटना APEC सम्मेलन के दौरान हुई है जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति को उपहार के तौर पर Xiaomi का फोन दिया है।  Xiaomi की अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती! दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने APEC में फोन की सुरक्षा पर सवाल उठाए, जानिए क्या है बैकडोर और क्यों बढ़ रही है यूजर्स की चिंता।  राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने फोन देखते ही मजाक में कहा कि क्या इसकी कम्युनिकेशन लाइन सुरक्षित है। इस पर शी जिनपिंग ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फोन की जांच की जाए कहीं इसमें बैकडोर तो नहीं है। इस छोटे से मजाक ने ही Xiaomi की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।  बैकडोर क्या है?  बैकडोर एक छिपा हुआ तरीका होता है, जिससे मोबाइल या ऐप के सिस्टम तक अनधिकृत पहुंच संभव हो जाती है। इसे फोन या एप्लिकेशन की सुरक्षा को बायपास करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कभी–कभी सरकार या एजेंसियां इसे वैध कारणों से इस्तेमाल करती हैं, लेकिन कई बार प्री–इंस्टॉल्ड ऐप्स या ब्लॉटवेयर के जरिए यूजर्स का डेटा चोरी करने में भी इसका गलत इस्तेमाल होता है।  READ MORE: Free में मिल सकता है Nothing Phone (3), जानें कैसे  READ MORE: Apple का धमाका! टॉप 5 की लिस्ट से बाहर हुई ये चाइनीज मोबाइल कंपनियां  चीन के फोन और सुरक्षा चिंता  Xiaomi समेत कई चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स पर हमेशा से डेटा सुरक्षा और बैकडोर को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अमेरिका ने इसी वजह से Huawei और ZTE जैसे ब्रांड्स को प्रतिबंधित कर दिया था। इन कंपनियों के फोन और डिवाइस अमेरिका में बैन कर दिए गए हैं। साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि चीन के फोन में प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा का खतरा हो सकता है, खासकर अगर इसमें बैकडोर मौजूद हो। 
Samsung-ने-पेश-किया-नया-Galaxy-XR

Samsung ने पेश किया नया Galaxy XR, जानें इसके फीचर

Samsung AI Headset: Samsung ने अपने नए Galaxy XR हेडसेट को लॉन्च किया है। यह एक AI Native XR डिवाइस है जो AI, एक्सटेंडेड रियलिटी और पावरफुल हार्डवेयर का मेल है। इसका उद्देश्य यूजर्स को सहज और इमर्सिव अनुभव देना है।  Samsung , Google और Qualcomm ने मिलकर Galaxy XR बनाया, जो AI-पावर्ड गेमिंग, 3D कंटेंट और XR ऐप्स के लिए नया अनुभव देता है।  विकास और टेक्नोलॉजी  Galaxy XR को Samsung ने Google और Qualcomm के साथ मिलकर विकसित किया है। यह पहला डिवाइस है जो Android XR प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इसे गेमिंग, रोजमर्रा के काम और प्रोफेशनल एप्लिकेशन के लिए AI कंपैनियन के रूप में तैयार किया गया है।  उपलब्धता  हेडसेट अब अमेरिका और कोरिया में खरीदने के लिए उपलब्ध है। यह Samsung की उस योजना का हिस्सा है जिसमें AI और XR को मिलाकर डिजिटल अनुभव को बेहतर बनाया जा रहा है।  मल्टीमॉडल AI  Galaxy XR में Gemini AI शामिल है। यह वॉइस, विजन और जेस्चर के जरिए यूजर्स के साथ सहज बातचीत करता है। यूजर्स आसानी से कंटेंट देख सकते हैं, टास्क मैनेज कर सकते हैं और अपने आस–पास की जानकारी पा सकते हैं। AI के साथ हेडसेट मानव जैसी बातचीत और समझ देता है।  READ MORE: Android पर भी चलेगा Gemini, Google Docs में मिलेगी AI की मदद! 

Don't Miss