भारत में बहुत जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू होने जा रही है। TRAI इस सेवा के लिए जरूरी नियमों और कीमतों पर अंतिम फैसला ले रहा है।
Satellite internet In india: भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा जून में शुरू हो सकती है, जिससे देश के दूरदराज के इलाकों और समुद्री इलाकों तक इंटरनेट की सुविधा पहुंचेगी। TRAI इस सेवा के लिए जरूरी नियमों और कीमतों पर अंतिम फैसला ले रहा है। यह प्रक्रिया पिछले दो सालों से चल रही है, जो अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है।
सैटेलाइट इंटरनेट के लिए अंतिम रूप
TRAI जल्द ही सैटेलाइट संचार सेवाओं के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पेश करने जा रहा है। इस फ्रेमवर्क में स्पेक्ट्रम आवंटन, मूल्य निर्धारण और रेवेन्यू पार्टनरशिप मॉडल जैसी महत्वपूर्ण बातें शामिल होंगी। ऐसे में TRAI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इन नियमों को DoT द्वारा जल्दी से मंजूरी दे दी जाए ताकि इस पर कोई विवाद न हो।
जून में हो सकती है शुरूआत
दूसरे अधिकारी के मुताबिक, TRAI मार्च तक अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर सकता है और एक शॉर्ट कंसल्टेशन पीरियड अवधि के बाद, इन्हें बिना कोई बदलाव के डिजिटल संचार आयोग द्वारा लागू किया जाएगा। इसके बाद स्पेक्ट्रम ऑक्शन प्रोसेस होगी, जिसमें 2-3 महीने लग सकते हैं। जून तक, सैटेलाइट इंटरनेट ऑपरेटर व्यावसायिक रूप से सेवाएं शुरू कर सकते हैं और राजस्व अर्जित करना शुरू कर सकते हैं।
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में कंपनियों की हिस्सेदारी
तीन प्रमुख कंपनियां भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार हैं।
Reliance Jio इन्फोकॉम: 2022 में लक्जमबर्ग स्थित सैटेलाइट ऑपरेटर SES के साथ एक संयुक्त उद्यम में प्रवेश किया।
भारती एयरटेल: Airtel ने 2022 में Hughes Communications India के साथ पार्टनरशिप में यूके की OneWeb के साथ एक समझौते पर साइन किए। 2023 में फ्रांस की Eutelsat ने OneWeb का अधिग्रहण किया, लेकिन Airtel के पास OneWeb की भारतीय शाखा में 100% हिस्सेदारी है।
एलन मस्क की Starlink: यह इस सेक्टर की तीसरी बड़ी कॉम्पिटिटर है, लेकिन भारत सरकार के सख्त नियमों के चलते इसकी प्री-बुकिंग बंद कर दी गई थी। फिलहाल, Starlink को भारत में Global Mobile Personal Communication by Satellite लाइसेंस नहीं मिला है।
कैसे काम करता है इंटरनेट सैटेलाइट
Satellite इंटरनेट उन उपग्रहों का उपयोग करता है, जो धरती पर रिसीवर से जुड़ते हैं। ये रिसीवर इंटरनेट डेटा को मोबाइल फोन या लैपटॉप जैसे टूल में ट्रांसफर्ड कर सकते हैं। भारत सरकार ने 2020 और 2022 के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र को उदार बनाया, जिससे निजी कंपनियों को सैटेलाइट स्पेक्ट्रम और बुनियादी ढांचे तक पहुंच की अनुमति मिली।
भारत में क्या है सैटेलाइट इंटरनेट का फ्यूचर
सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। यह उन इलाकों के लिए खास तौर पर फायदेमंद होगा, जहां फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क लगाना मुश्किल है। भारत में इसकी शुरुआत से शिक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।