Microsoft Azure Slowdown: Microsoft ने अपने Azure क्लाउड यूजर्स को सतर्क किया है कि आने वाले दिनों में उन्हें सेवाओं की गति धीमी पड़ने का अनुभव हो सकता है। इसकी वजह है Red Sea के अंदर लगी कई अंडरसी फाइबर केबल्स का क्षतिग्रस्त होना। इन केबल्स के जरिए एशिया और यूरोप के बीच इंटरनेट डेटा का बड़ा हिस्सा गुजरता है। ऐसे में इनके कटने से दुनियाभर के यूजर्स प्रभावित हो सकते हैं।
Red Sea में अंडरसी फाइबर केबल्स क्षतिग्रस्त होने से Microsoft Azure पर असर, कंपनी ने यूजर्स को दी सावधानी की सलाह।
कंपनी ने 6 सितंबर को बताया था कि इन केबल्स की मरम्मत आसान काम नहीं है। इसके लिए समुद्र के भीतर जटिल और समय लेने वाली तकनीकी प्रक्रियाएं अपनानी पड़ती हैं। हालांकि, Microsoft ने भरोसा दिलाया है कि वह हालात पर लगातार नजर रख रही है। कंपनी डेटा ट्रैफिक को रीबैलेंस और ऑप्टिमाइज करके असर को कम करने की पूरी कोशिश कर रही है। साथ ही, ग्राहकों को हर दिन अपडेट दिया जाएगा और अगर हालात बिगड़ते हैं तो तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा।
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यह स्थिति एक बार फिर दिखाती है कि वैश्विक इंटरनेट सेवाएं कितनी हद तक अंडरसी केबल्स पर निर्भर हैं। इन्हें अंतरराष्ट्रीय डेटा ट्रैफिक की रीढ़ माना जाता है। कुछ ही लाइनों के कटने से महाद्वीपों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। इससे साफ होता है कि यह सिस्टम भले ही मजबूत न हो, लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग और ऑनलाइन कम्युनिकेशन के लिए बेहद जरूरी है।
Azure क्या है?
Azure, Microsoft का क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है। यह दुनिया भर के 70 से ज्यादा रीजन और 400 से अधिक डेटा सेंटर्स से जुड़ा है। Azure के जरिए कंपनियां और यूजर्स बिना अपने सर्वर बनाए डेटा स्टोर कर सकते हैं, एप्लिकेशन चला सकते हैं और AI, डेटाबेस, नेटवर्किंग जैसी सेवाए इस्तेमाल कर सकते हैं।
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Azure में 11,000 से अधिक AI मॉडल्स मौजूद हैं, जिन्हें यूजर्स अपनी जरूरत के हिसाब से चुन सकते हैं। इसकी खासियत है कि यह सुरक्षित, लचीला और किफायती समाधान देता है। यही वजह है कि दुनियाभर में कई संगठन अपने काम और नवाचार के लिए Azure को चुनते हैं।