चाइनीज कैमरों पर भारत की सख्ती! मचा हड़कंप

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india china
May 30, 2025

अब कंपनियों को अपने कैमरे बेचने से पहले कड़ी जांच से गुजरना होगा। इससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और देश की डिजिटल सीमाएं और भी मजबूत होंगी।

India Tightens Rules Against China CCTV Cameras: भारत सरकार ने देश की साइबर सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब से भारत में किसी भी इंटरनेट से जुड़े CCTV कैमरे की बिक्री से पहले उसके हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सोर्स कोड की जांच सरकारी लैब में कराना जरूरी होगा। ये नया नियम 9 अप्रैल 2025 से लागू हो चुका है। सरकार का साफ कहना है कि यह कदम देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।

चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए आया फैसला

सरकार को आशंका है कि कुछ विदेशी कंपनियों के कैमरों के जरिए जासूसी या डेटा चोरी की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने 2021 में बताया था कि 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कैमरे चीन की कंपनियों से लिए गए हैं। सरकार को शक है कि इन कैमरों के जरिए सेंसेटिव इन्फोर्मेशन विदेश भेजी जा सकती है। खासकर चीन की कंपनियों को लेकर यह चिंता और भी ज्यादा है।

किन कंपनियों पर पड़ेगा असर?

इस नियम से कई विदेशी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इनमें Hikvision, Dahua (चीन), Xiaomi, Motorola Solutions (अमेरिका), Hanwha (कोरिया) और Honeywell, Bosch जैसी कंपनियां शामिल है।

कंपनियों की शिकायत क्या है?

  • कंपनियों का कहना है कि हर सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद दोबारा टेस्टिंग करानी पड़ेगी, जिससे समय और पैसा दोनों ज्यादा लगेंगे।
  • सोर्स कोड शेयर करना रिस्क भरा है, क्योंकि इससे उनका बिजनेस सीक्रेट लीक हो सकता है।
  • कुछ कंपनियों को मंजूरी मिलने में देरी हो रही है, जिससे उनके हजारों कैमरा मॉडल्स रुके पड़े हैं।

भारत का CCTV बाजार कितना बड़ा है?

  • साल 2024 में भारत का CCTV बाजार 5 बिलियन डॉलर का था।
  • यह 2030 तक 7 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • भारत में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी CP Plus के पास है करीब 48%।
  • जबकि Hikvision और Dahua की संयुक्त हिस्सेदारी 30% है।
  • देश में इस्तेमाल होने वाले 80% कैमरा पुर्जे चीन से आयात होते हैं।

सरकार की सफाई

सरकार का कहना है कि यह नियम किसी देश के खिलाफ नहीं है। इसका मकसद सिर्फ देश के डिजिटल सिस्टम को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार की STQC एजेंसी अब और लैब्स को मान्यता देने पर भी विचार कर रही है, ताकि प्रक्रिया तेज हो सके।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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