इस साल अक्टूबर में यूएस डीओजे और हर अमेरिकी राज्य के अटॉर्नी जनरल ने कोलंबिया, गुआम और प्यूर्टो रिको शहर के साथ मिलकर Google के खिलाफ एक रेमेडी फ्रेमवर्क प्रस्ताव स्थापित किया है।
Google on US DOJ : Google ने सोमवार को अमेरिकी न्याय विभाग के मुकदमे और उसके ‘ओवरबोर्ड प्रस्ताव’ की आलोचना की है। Google ने कहा है कि अदालत में अपील करने से पहले कंपनी ने अदालत के फैसले में तथ्यात्मक निष्कर्षों के आधार पर अपना स्वयं का रेमेडीज प्रस्ताव दायर किया है।
Google ने क्या कहा
Google के रेगुलेटरी अफेयर्स की वाइस प्रेसिडेंस ली-एन मुलहोलैंड ने इस मामले में कहा कि कंपनी इस निर्णय से पूरी तरह असहमत है और इसके खिलाफ डीओजे के सर्च डिस्ट्रीब्यूशन मुकदमे में अपील करेगी। अपने रेमेडीज प्रस्ताव में Google ने कहा कि Apple और Mozilla जैसी ब्राउजर कंपनियों को अपने यूजर्स के लिए सबसे अच्छा समझे जाने वाले किसी भी सर्च इंजन से निपटने की स्वतंत्रता जारी रखनी चाहिए।
मुलहोलैंड ने कहा कि कोर्ट ने माना है कि ब्राउजर कंपनियां कभी-कभी Google की खोज गुणवत्ता का मूल्यांकन उसके प्रतिस्पर्धियों के सापेक्ष करती हैं और Google को बेहतर पाती हैं। वहीं, Mozilla जैसी कंपनियां इन अनुबंधों से राजस्व आय अर्जित करती हैं।
Google के खिलाफ रेमेडी फ्रेमवर्क प्रस्ताव दायर
इस साल अक्टूबर में यूएस डीओजे और हर अमेरिकी राज्य के अटॉर्नी जनरल के साथ ही डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, गुआम और प्यूर्टो रिको ने Google के खिलाफ फेडरल एंटीट्रस्ट मुकदमे में एक रेमेडी फ्रेमवर्क प्रस्ताव दायर किया है। डीओजे द्वारा प्रस्तावित रेमेडी फ्रेमवर्क का अधिकांश हिस्सा खोज डिस्ट्रीब्यूशन और रिवेन्यू शेयरिंग के लिए बाजार पर Google के प्रभावों को टारगेट करता है।
अमेरिकी यूजर्स को पहुंचेगा नुकसान
Google के अनुसार डीओजे के प्रस्ताव की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इससे अमेरिकी यूजर्स को नुकसान पहुंचेगा और वैश्विक टेक्नोलॉजी में अमेरिका का नेतृत्व कमजोर होगा। इस प्रस्ताव के लिए हमें लोगों की प्राइवेट सर्च क्वेरी को विदेशी और घरेलू कंपीटीटर के साथ साझा करना होगा। इसका हमारे प्रोडक्ट इनोवेशन पर सीधा असर पड़ेगा।