Trump TikTok Order: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने TikTok के अमेरिकी ऑपरेशंस को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने नई योजना के तहत यह साफ कर दिया है कि अब TikTok की US यूनिट अमेरिकी निवेशकों के हाथों में जाएगी। इस डील की वैल्यू लगभग 14 अरब डॉलर मानी जा रही है और इसके साथ डेटा सुरक्षा को लेकर कई कड़े प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
अमेरिका में TikTok पर बड़ा फैसला, ट्रंप ने अमेरिकी निवेशकों के लिए 14 अरब डॉलर की डील आगे बढ़ाई। डील से यूजर्स का डेटा सुरक्षित होगा और ByteDance का नियंत्रण घटेगा।
TikTok विवाद की शुरुआत
2024 में अमेरिकी सरकार ने एक सख्त कानून पास किया था। इसके तहत ByteDance को मजबूर किया गया कि वह अमेरिकी ऑपरेशंस से अपना नियंत्रण हटाए। अगर ByteDance ऐसा नहीं करती है तो अमेरिका में TikTok पूरी तरह से बैन हो जाएगा। इसी वजह से महीनों से डील पर बातचीत चल रही थी और अब ट्रंप ने इसे हरी झंडी दिखा दी है।
चीन से बातचीत और हरी झंडी
ट्रंप ने व्हाइट हाउस से बयान देते हुए बताया कि उन्होंने शी जिनपिंग से सीधी बातचीत की है। हमने TikTok और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने हमें इस डील के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है। उनके इस बयान ने डील को और भी अहम बना दिया है क्योंकि अब तक चीन की मंजूरी सबसे बड़ी अड़चन मानी जा रही थी।
डील की मुख्य शर्तें
इस डील में यह तय किया गया है कि TikTok का अमेरिकी बिजनेस अब एक नई अमेरिकी कंपनी के तहत चलेगा। इसमें अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी प्रमुख होगी और ByteDance की हिस्सेदारी घटकर 20% से भी कम हो जाएगी।
- अमेरिकी यूजर्स का डेटा अब Oracle की सुरक्षित क्लाउड सर्विस में रखा जाएगा।
- Oracle यह भी सुनिश्चित करेगा कि TikTok का एल्गोरिदम किसी विदेशी प्रभाव में न आए।
- TikTok की US यूनिट को एल्गोरिदम की एक कॉपी मिलेगी जिसे शुरू से नए सिरे से ट्रेन किया जाएगा।
- डेटा सुरक्षा और कंटेंट मॉनिटरिंग पर पूरा फोकस रहेगा।
निवेशकों का रोल
निवेशकों की लिस्ट अभी पूरी तरह तय नहीं हुई है लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, Oracle, Silver Lake Management LLC और अबू धाबी की MGX कंपनी इस डील में शामिल होने जा रही हैं। इन कंपनियों को TikTok की नई अमेरिकी यूनिट में हिस्सेदारी और बोर्ड सीट्स दी जाएंगी।
कीमत पर मतभेद
इस डील की कीमत को लेकर भी खूब चर्चा है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance के मुताबिक, इसकी वैल्यू लगभग 14 अरब डॉलर है। हालांकि, यह अनुमान पहले की तुलना में काफी कम है। शुरुआत में TikTok US ऑपरेशंस की वैल्यू 35 से 40 अरब डॉलर तक आंकी गई थी।
एक्सपर्ट का मानना है कि असली पेच TikTok के कंटेंट एल्गोरिदम में है जिसकी वजह से वैल्यू तय करना बेहद मुश्किल रहा है। एनालिस्ट जैस्मिन एन्बर्ग का कहना है कि 14 अरब डॉलर का आंकड़ा 2026 में TikTok के अनुमानित अमेरिकी विज्ञापन राजस्व से मेल खाता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में TikTok की असली ताकत विज्ञापन बिजनेस है लेकिन नई कंपनी इसे किस तरह चलाएगी यह अभी साफ नहीं है।
कानूनी समयसीमा और चुनौतियां
ट्रंप ने इस डील के लिए 120 दिनों की समयसीमा तय की है। यानी, यह डील 2026 के अंत तक पूरी होनी चाहिए। गौर करने वाली बात यह है कि यह पांचवीं बार है जब समयसीमा बढ़ाई गई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह डील अमेरिकी कांग्रेस को संतुष्ट कर पाएगी। कई सांसदों का कहना है कि उन्हें इस डील की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए और यह देखना जरूरी है कि ByteDance का प्रभाव पूरी तरह खत्म हुआ है या नहीं।
डेमोक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अगर डील हो गई है तो इसकी डिटेल्स कांग्रेस के सामने रखी जानी चाहिए। वहीं, रिपब्लिकन सांसद जॉन मूलनार का कहना है कि वह इस डील को बारीकी से जांचेंगे ताकि यह कानून के अनुसार हो।
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एल्गोरिदम और डेटा पर निगरानी
डील के तहत ByteDance अमेरिकी यूनिट को एल्गोरिदम की कॉपी देगा। इसे Oracle की निगरानी में शुरू से दोबारा ट्रेन किया जाएगा। Oracle यह देखेगा कि कंटेंट यूज़र्स तक किस तरह पहुंच रहा है और कहीं इसमें विदेशी हस्तक्षेप तो नहीं है।
साथ ही, अमेरिकी यूजर्स का डेटा अब Oracle के सुरक्षित क्लाउड सिस्टम में रहेगा। ByteDance को इस डेटा तक कोई पहुंच नहीं होगी। यह व्यवस्था पहले के Project Texas जैसी है लेकिन उस समय अमेरिकी प्रशासन ने इसे पर्याप्त नहीं माना था।
चीन की चुप्पी
भले ही ट्रंप कह रहे हैं कि उन्हें राष्ट्रपति शी से सहमति मिल गई है लेकिन चीन की सरकार ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने केवल इतना कहा है कि वे व्यावसायिक बातचीत का सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि समाधान दोनों पक्षों के हितों के मुताबिक हो।
क्यों है यह डील अहम?
यह डील सिर्फ TikTok तक सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिका और चीन के बीच बिगड़ते रिश्तों के बीच एक अहम मोड़ साबित हो सकती है। अमेरिका चाहता है कि TikTok पर विदेशी प्रभाव खत्म हो और यूज़र्स का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहे। वहीं, ट्रंप इस डील को अपने चुनावी वादों से जोड़कर देख रहे हैं।
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अगर यह डील सफल होती है, तो अमेरिकी निवेशकों को TikTok के तेज़ी से बढ़ते बिजनेस का फायदा मिलेगा। यूज़र्स को भी भरोसा मिलेगा कि उनका डेटा सुरक्षित है। लेकिन अगर चीन या अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी में कोई रुकावट आई, तो यह डील एक बार फिर संकट में फंस सकती है।