संचार मंत्रालय ने बदला फैसला, Sanchar Saathi ऐप अनिवार्य नहीं

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संचार मंत्रालय ने बदला फैसला, Sanchar Saathi ऐप अनिवार्य नहीं
December 4, 2025

Sanchar Saathi Policy Update: केंद्र सरकार ने बुधवार को मोबाइल फोन निर्माताओं के लिए Sanchar Saathi ऐप को स्मार्टफोन्स में पहले से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता खत्म कर दी। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में जारी आदेश पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और इसे लेकर जासूसी के आरोप लगाए थे।

मोबाइल निर्माताओं के लिए Sanchar Saathi ऐप की अनिवार्यता खत्म। ऐप की सुरक्षा, सरकार की सफाई और विपक्ष के आरोपों को जानें

क्या है सरकार का नया फैसला?

संचार मंत्रालय ने अपने प्रेस रिलीज में बताया कि Sanchar Saathi ऐप लोगों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है। यह ऐप पूरी तरह सुरक्षित है और किसी तरह की निजी जानकारी चोरी नहीं करता।

मंत्रालय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य हर नागरिक को साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराना है। Sanchar Saathi ऐप सुरक्षित है और लोगों को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए बनाया गया है। ऐप की बढ़ती स्वीकार्यता को देखते हुए, इसे प्री-इंस्टॉल करना अब मोबाइल निर्माताओं के लिए अनिवार्य नहीं होगा।

पहले क्या था नियम?

कछ समय पहले DoT ने मोबाइल निर्माताओं और आयातकों को निर्देश दिया था कि वे यह ऐप हर नए स्मार्टफोन में पहले से इंस्टॉल करें। इस आदेश को पूरा करने के लिए 90 दिनों की समयसीमा भी दी गई थी। सरकार का तर्क था कि इससे SIM कार्ड धोखाधड़ी, फर्जी मोबाइल नंबर और चोरी हुए फोन ट्रैक करने में आसानी होगी क्योंकि Sanchar Saathi ऐप इन समस्याओं से निपटने में मदद करता है।

विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

सरकार के इस आदेश का सबसे ज्यादा विरोध विपक्ष ने किया। कांग्रेस सहित कई दलों ने आरोप लगाया कि सरकार इस ऐप के जरिए नागरिकों की जासूसी करना चाहती है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार नागरिकों की निजी जानकारी में झांकने की कोशिश कर रही है और पकड़ में आने पर गलत स्पष्टीकरण दे रही है। विपक्ष का आरोप था कि जबरन ऐप इंस्टॉल करवाना लोगों की प्राइवेसी का उल्लंघन है।

ऐप से जासूसी असंभव

इन आरोपों पर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि ऐप से किसी भी तरह की जासूसी संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि Sanchar Saathi ऐप पूरी तरह सुरक्षित है। इस ऐप के जरिए किसी प्रकार की ताक-झांक न तो संभव है और न ही कभी होगी।

सरकार का कहना है कि यह ऐप केवल 3 मुख्य काम करता है

  • खोए या चोरी हुए फोन को ब्लॉक कराने में मदद
  • फर्जी SIM कार्ड की पहचान
  • मोबाइल नंबर से जुड़े मामलों की शिकायत करना

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लोगों की बढ़ती जागरूकता से बदला फैसला

मंत्रालय का कहना है कि जिन नागरिकों को इस ऐप की जरूरत होती है, वे इसे खुद डाउनलोड कर रहे हैं। यानी ऐप पहले से ही लोकप्रिय हो चुका है, इसलिए इसे जबरन इंस्टॉल करवाने की आवश्यकता नहीं है।

इसी वजह से सरकार ने अब प्री-इंस्टॉलेशन का नियम वापस ले लिया है।

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अब आगे क्या?

अब मोबाइल कंपनियों पर कोई दबाव नहीं होगा कि वे हर नए फोन में यह ऐप डालें। अगर कोई यूजर चाहे, तो वह Sanchar Saathi ऐप को स्वेच्छा से Play Store या वेबसाइट से डाउनलोड कर सकता है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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