2025 में भारत में iPhone बिक्री 25% बढ़कर 15 मिलियन यूनिट्स तक पहुँचेगी

5 mins read
513 views
2025 में भारत में iPhone बिक्री 25% बढ़कर 15 मिलियन यूनिट्स तक पहुँचेगी
September 11, 2025

iPhone 17 price: भारत में Apple की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है और 2025 कंपनी के लिए एक ऐतिहासिक साल साबित हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल भारत में iPhone की शिपमेंट्स 25% तक बढ़कर 14–15 मिलियन यूनिट्स तक पहुँचने की संभावना है। यह वृद्धि मुख्य रूप से पुराने मॉडलों पर दिए गए बड़े डिस्काउंट और नए मॉडलों की अपेक्षाकृत किफायती कीमतों के कारण हो रही है।

Apple iPhone 2025 India Sales: Apple की iPhone बिक्री 2025 में भारत में 25% बढ़ने की उम्मीद है, अनुमानित 15 मिलियन यूनिट्स की रिकॉर्ड डिलीवरी के साथ।

कंपनी ने हाल ही में अपना नया iPhone 17 लॉन्च किया है, जिसकी शुरुआती कीमत 82,900 रुपये रखी गई है। खास बात यह है कि इस बार सभी मॉडल्स 256 GB स्टोरेज से शुरू हो रहे हैं, जबकि iPhone 16 सीरीज़ में 128 GB बेस मॉडल उपलब्ध था। कीमत और स्टोरेज दोनों स्तरों पर यह बदलाव भारतीय उपभोक्ताओं को अधिक आकर्षित कर रहा है।

Read More: मिलिए अबिदुर चौधरी से… सबसे पतले iPhone के पीछे छिपा है क्रिएटिव दिमाग

IDC India के अनुसार, 2025 में भारत में iPhone की शिपमेंट्स 15 मिलियन यूनिट्स तक पहुँच सकती हैं। वहीं Canalys का अनुमान है कि यह संख्या 14.2 मिलियन यूनिट्स होगी, जबकि Counterpoint Research 18–19% की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। इससे Apple का भारतीय स्मार्टफोन बाजार में हिस्सा लगभग 8% तक पहुँच सकता है।

राजस्व की दृष्टि से भी Apple बड़ी छलांग लगाने वाला है। Canalys का अनुमान है कि भारत में iPhone से होने वाली कंपनी की घरेलू कमाई 2024 के 11.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 12.3 बिलियन डॉलर हो सकती है। साथ ही Apple अपने इकोसिस्टम प्रोडक्ट्स को भी तेजी से प्रमोट कर रहा है, जिससे कंपनी की आमदनी और बढ़ेगी।

Read More: VIDEO: Apple का iPhone 17 लॉन्च इवेंट, कैसे और कब देखें LIVE?

हाल ही में Apple ने वैश्विक स्तर पर भी शानदार प्रदर्शन किया है। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का राजस्व 9.6% बढ़कर 94 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया, जो पिछले तीन सालों की सबसे मजबूत वृद्धि है। CEO टिम कुक ने भी माना कि भारत उनके लिए सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला बाजार है।

भारत में त्योहारों के सीजन और आकर्षक कीमतों के साथ Apple की यह ग्रोथ जारी रहने की पूरी संभावना है।

Riya Gupta

मीडिया जगत में अपने पाँच साल के सफ़र के दौरान, मैंने कंटेंट क्रिएशन, मीडिया एनालिसिस और वीडियो स्क्रिप्ट राइटिंग में हाथ आजमाया है। रिसर्च के साथ-साथ, मैंने सरकारी परियोजनाओं में भी अपना योगदान दिया है। मेरी विशेषता नई चीज़ों को तेजी से अपनाना और चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में एक्सीलेंस हासिल करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Polygon ने हार्ड फोर्क से पाई राहत, POL टोकन में आई उछाल
Previous Story

Polygon ने हार्ड फोर्क से पाई राहत, POL टोकन में आई उछाल

भारतीय सेना का इनोवेशन, अब दुश्मन पहचानने में होगी आसानी
Next Story

भारतीय सेना का इनोवेशन, अब दुश्मन पहचानने में होगी आसानी

Latest from Tech News

अब-बदलेगा-चैटिंग-का-खे

अब बदलेगा चैटिंग का खेल! Arattai को WhatsApp के मुकाबले उतारने की तैयारी में Zoho

Zoho Arattai New Update: भारत में स्वदेशी मैसेजिंग ऐप Arattai एक बार फिर चर्चा में है। वजह हैं Zoho के फाउंडर और CEO Sridhar Vembu। जिन्होंने संकेत दिया है कि अरट्टई को WhatsApp जैसी दिग्गज ऐप्स के मुकाबले खड़ा करने के लिए बड़े
WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

Justin Sun WLFI: क्रिप्टो इंडस्ट्री के बड़े नाम और TRON के संस्थापक जस्टिन सन एक विवाद में फंसे हुए हैं। यह विवाद World Liberty Financial नाम के DeFi प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसका संबंध अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार से बताया जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन सन के फ्रीज किए गए WLFI टोकनों की वैल्यू करीब 60 मिलियन डॉलर गिर चुकी है। हैरानी की बात यह है कि WLFI के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल होने के बावजूद जस्टिन सन पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से ब्लैकलिस्टेड हैं और उनके टोकन अब भी लॉक हैं।  WLFI टोकन फ्रीज होने के बाद जस्टिन सन की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जानिए कैसे ट्रंप से जुड़े इस क्रिप्टो प्रोजेक्ट में उनका करोड़ों डॉलर का निवेश फंसा हुआ है।   कैसे हुई विवाद की शुरुआत  यह पूरा मामला सितंबर में WLFI के टोकन जेनरेशन इवेंट के बाद शुरू हुआ है। 2 सितंबर को जस्टिन सन ने बताया था कि उन्होंने 200 मिलियन डॉलर के WLFI टोकन क्लेम किए हैं और उनके पास कुल 600 मिलियन टोकन मौजूद हैं। उस समय ब्लॉकचेन डेटा के अनुसार, उनकी कुल WLFI होल्डिंग्स की कीमत लगभग 900 मिलियन डॉलर थी। उस समय जस्टिन सन ने साफ कहा था कि वह टोकन बेचने वाले नहीं हैं और इस प्रोजेक्ट के लंबे समय तक सपोर्टर बने रहेंगे।’  Justin Sun is still blacklisted by WLFI in 3 months, his locked tokens dropped $60m in
Prompt-Injection

Prompt Injection कैसे बन सकता है यूजर्स के लिए खतरा?

Openai AI Browser Security: AI टेक्नोलॉजी तेजी से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनती जा रही है। अब ऐसे AI एजेंट्स आ चुके हैं जो इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं, लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, स्क्रॉल कर सकते हैं और यूजर की तरफ से काम भी कर सकते हैं। OpenAI का नया सिस्टम ChatGPT Atlas Agent Mode भी ऐसा ही एक ब्राउजर बेस्ड AI है, जो डिजिटल असिस्टेंट की तरह काम करता है, लेकिन इस स्मार्ट तकनीक के पीछे एक गंभीर सुरक्षा चिंता भी छुपी है, जिसे OpenAI ने खुद खुलकर स्वीकार किया है।  AI ब्राउजर एजेंट्स इंटरनेट चलाने में मदद तो करते हैं, लेकिन OpenAI ने खुद इनके सिक्योरिटी जोखिम को लेकर चेतावनी दी है, जानिए Prompt Injection क्या है और यह यूजर्स के लिए क्यों खतरनाक हो सकता है।  सुरक्षित नहीं हैं AI ब्राउजर  OpenAI का कहना है कि चाहे AI कितना भी स्मार्ट क्यों न हो, ऐसे ब्राउजर एजेंट्स को पूरी तरह सुरक्षित बनाना बेहद मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह Prompt Injection Attack है। कंपनी इसे एक लॉन्ग टर्म AI सिक्योरिटी चैलेंज मानती है और यह भी मानती है कि साइबर हमलावर पहले से ही इन AI सिस्टम्स को गुमराह करने के तरीके खोज रहे हैं।  Prompt Injection क्या होता है?  Prompt Injection एक ऐसा तरीका है जिसमें किसी वेबसाइट, ईमेल, PDF, डॉक्युमेंट या कैलेंडर इनवाइट के अंदर छुपे हुए निर्देश डाले जाते हैं। AI इन छुपे मैसेज को असली कमांड समझ लेता है और यूजर के आदेशों को नजरअंदाज करके हमलावर की बात मान लेता है।  इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है?  OpenAI के मुताबिक, अगर ऐसा हमला सफल हो जाए तो AI एजेंट प्राइवेट ईमेल आगे भेज सकता है, बिना अनुमति पैसे ट्रांसफर कर सकता है, पर्सनल फाइल्स लीक कर सकता है, गलत या अफवाह वाले मैसेज लिख सकता है और ऑफिस के टूल्स का गलत इस्तेमाल कर सकता है जैसे काम कर सकता है।  READ MORE: भारत में ही क्यों Free मिल रहा OpenAI, Google और Perplexity?  इस खतरे से खुद कैसे लड़ रहा है OpenAI?  OpenAI सिर्फ खतरे नहीं बता रहा है। दरअसल, कंपनी ने खुद एक AI रेड टीम अटैकर सिस्टम बनाया है। यह सिस्टम हैकर की तरह सोचता है और बार–बार AI ब्राउजर पर हमला करने की कोशिश करता है। यह अटैकर AI

Don't Miss