ठग अब सिर्फ फोन कॉल या फिशिंग लिंक से नहीं, बल्कि तकनीकी तरीकों से भी ठगी करने लगे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम सतर्क रहें और किसी भी लिंक या फाइल को खोलने से पहले दो बार सोचें।
APK Virus Scam: आज के समय में जहां टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी आसान बना दी है, वहीं साइबर अपराधी भी नए-नए तरीके निकालकर लोगों को चूना लगाने लगे हैं। मोबाइल फोन के जरिए होने वाली ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तेलंगाना में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी के खाते से करीब 4 लाख रुपये ठग लिए गए। यह ठगी APK फाइल के जरिए की गई थी।
कैसे हुई ठगी?
तेलंगाना में एक 59 वर्षीय सरकारी कर्मचारी को एक अजनबी का फोन आया, जिसने खुद को बैंक अधिकारी बताया। उसने कहा कि उनके अकाउंट में दर्ज पता गलत है, जिसे अपडेट करने के लिए एक फॉर्म भरना होगा। उसने एक APK फाइल भेजी और उसे इंस्टॉल करने को कहा। जैसे ही पीड़ित ने वह फाइल अपने फोन में इंस्टॉल की, उसी समय से ठग को उनके मोबाइल का पूरा एक्सेस मिल गया। कुछ ही मिनटों में उनके बैंक खाते से 3.92 लाख रुपये निकाल लिए गए।
क्या होती है APK फाइल?
APK यानी Android Package Kit यह एक फाइल फॉर्मेट है, जिसका इस्तेमाल एंड्रॉयड मोबाइल में ऐप्स को मैन्युअली इंस्टॉल करने के लिए किया जाता है। जब कोई ऐप Google Play Store से डाउनलोड करता है, तो वह ऑटोमैटिकली इंस्टॉल हो जाता है। लेकिन अगर आप किसी वेबसाइट या लिंक से APK फाइल डाउनलोड करके इंस्टॉल करते हैं, तो वह फाइल आपके फोन के लिए खतरनाक हो सकती है।
APK फाइल से कैसे होता है नुकसान?
जब आप किसी अनजान सोर्स से APK फाइल इंस्टॉल करते हैं, तो वो फाइल आपके फोन की स्क्रीन रिकॉर्ड कर सकती है, कॉल, मैसेज, कैमरा और माइक्रोफोन का एक्सेस ले सकती है, बैंकिंग ऐप्स में लॉगिन कर सकती है और OTP और पासवर्ड पढ़ सकती है।
कैसे बचें इस तरह की ठगी से?
1. Google Play Store या Apple App Store के अलावा कहीं और से ऐप डाउनलोड न करें।
2. अज्ञात लोगों द्वारा भेजी गई APK फाइल को कभी न खोलें। भले ही वह खुद को बैंक अधिकारी या पुलिस वाला बताए।
3. Unknown Sources से ऐप इंस्टॉल करने की सेटिंग बंद रखें
4. गलती से APK इंस्टॉल हो जाए तो तुरंत एक्शन लेते हुए फोन को फ्लाइट मोड में डालें, बैंक को कॉल करें और पासवर्ड बदलें।
5. तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें या http://www.cybercrime.gov.inपर शिकायत दर्ज करें।