Nepal Social Media Ban: नेपाल सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया पर लगाए गए कड़े प्रतिबंध को हटा लिया है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने Facebook, Instagram, WhatsApp, X, Reddit, LinkedIn, Pinterest और Signal जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया था। सरकार का कहना था कि इन कंपनियों ने नए रजिस्ट्रेशन नियमों का पालन नहीं किया इसलिए उन पर यह कार्रवाई की गई।
नेपाल में सोशल मीडिया बैन हटने से लोगों ने राहत की सांस ली। जानें सरकार ने क्यों लगाया था प्रतिबंध, विरोध प्रदर्शन में क्या हुआ और TikTok पर बैन क्यों नहीं लगा।
बैन क्यों लगाया गया था?
नेपाल के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को कोर्ट के आदेश के तहत सात दिन का समय दिया था। इस दौरान उन्हें स्थानीय स्तर पर अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करना था लेकिन ज्यादातर कंपनियां यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर सकीं। इसके बाद सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिए कि वह इन प्लेटफॉर्म्स की एक्सेस बंद कर दें।
विरोध और तनाव
सरकार के इस फैसले के बाद काठमांडू समेत कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। खासकर युवा वर्ग ने इसे सेंसरशिप बताते हुए सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया। हालात इतने बिगड़ गए कि सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना तैनात करनी पड़ी। इस दौरान हुई झड़पों में 14 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
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TikTok पर बैन क्यों नहीं?
इस पूरे विवाद में सबसे बड़ा सवाल यह रहा कि TikTok पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया। दरअसल, TikTok ने सरकार के नियमों का समय पर पालन किया था। कंपनी ने रजिस्ट्रेशन कराया और स्थानीय निगरानी को स्वीकार कर लिया। इसी वजह से TikTok पूरे समय नेपाल में चालू रहा और यह बैन से बाहर रहा।
बैन से हुआ असर
सोशल मीडिया ब्लैकआउट ने नेपाल की अर्थव्यवस्था और लोगों की जिंदगी पर असर डाला। टूरिज्म सेक्टर और छोटे व्यवसाय उन्हें भारी नुकसान हुआ। वहीं लाखों परिवार का अपनों से अचानक संपर्क टूट गया।
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राहत और प्रतिक्रियाएं
बैन हटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। प्रेस फ्रीडम से जुड़े संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी कि इस तरह का अचानक प्रतिबंध नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है। युवाओं का कहना है कि सरकार को सुरक्षा और निगरानी के नाम पर लोगों की आवाज़ दबाने से बचना चाहिए।