India economy growth 2025: भारत की अर्थव्यवस्था को रोज़गार संकट से बाहर निकालने के लिए हर साल लगभग 12.2% की असाधारण वृद्धि हासिल करनी होगी। यह चेतावनी मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने दी है। उनके अनुसार, अगर ऐसा नहीं हुआ तो करोड़ों युवा भारत में सही अवसरों से वंचित रह सकते हैं और इससे सामाजिक असंतोष भी बढ़ सकता है।
भारत की अर्थव्यवस्था को रोज़गार संकट से बाहर निकालने के लिए मॉर्गन स्टेनली ने चेताया है कि हर साल 12.2% की तेज़ वृद्धि दर ज़रूरी है। वर्तमान दर इससे बहुत कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत का श्रम बाज़ार दोहरी चुनौती झेल रहा है- बेरोज़गारी और अधबेरोज़गारी (Underemployment)। युवा बेरोज़गारी दर 17.6% है, जो इस क्षेत्र में सबसे अधिक है। साथ ही, बड़ी संख्या में लोग कृषि क्षेत्र की ओर लौटे हैं, जिससे खेती-किसानी में रोज़गार 17 साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। अधबेरोज़गारी का मतलब ऐसे काम हैं जहाँ व्यक्ति की शिक्षा, कौशल या काम के घंटों का पूरा उपयोग नहीं हो पाता। भारत में रोजगार की परिभाषा इतनी ढीली है कि सप्ताह में सिर्फ़ 1 घंटे काम करने वाला व्यक्ति भी ‘रोज़गार प्राप्त’ गिना जाता है। यही वजह है कि बड़ी आबादी अनौपचारिक और कम गुणवत्ता वाले काम में फंसी रहती है।
Read More: जुकरबर्ग का अलर्ट: AI निवेश में बबल का खतरा, धीमी तैयारी से बड़ा नुकसान
मॉर्गन स्टेनली ने साफ कहा है कि मज़बूत औद्योगिक और निर्यात वृद्धि, तेज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और व्यापक कौशल सुधारों के बिना भारत ‘जॉब्स ट्रैप’ में फंस सकता है। इससे न सिर्फ़ भारत की “दुनिया का अगला विकास इंजन” बनने की महत्वाकांक्षा धीमी होगी, बल्कि विदेश पलायन भी बढ़ेगा।
हालांकि पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8% बढ़ी, लेकिन यह रफ्तार भी अगले दशक में काम खोजने आने वाले 8.4 करोड़ युवाओं को समायोजित करने के लिए काफी नहीं है। रिपोर्ट ने यह भी बताया कि लगभग 60 करोड़ भारतीय आज भी प्रतिदिन 3.65 डॉलर (विश्व बैंक का मानक) से कम पर जीवन यापन कर रहे हैं, और नया मानक 4.20 डॉलर होने से यह संख्या और बढ़ जाएगी।
Read More: Google Meet में Ask Gemini AI का आगमन
इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन की तेज़ प्रगति पारंपरिक सर्विस सेक्टर नौकरियों को भी सीमित कर सकती है। ऐसे में उन्नत विनिर्माण, टेक्नोलॉजी और कौशल विकास में बड़े पैमाने पर निवेश ही इस संकट से निपटने का समाधान माना जा रहा है।