Online Gaming Act 2025: कर्नाटक हाई कोर्ट ने Online Gaming Act 2025 से जुड़ी याचिका पर फिलहाल सुनवाई टाल दी गई है। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करना चाहती है और SC जल्द ही इस पर सुनवाई करेगा।
Online Gaming Act 2025 पर विवाद बढ़ा, कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनवाई टाली। अब सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला। जानें पूरा मामला और सरकार का पक्ष।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 28 अगस्त को A23 रम्मी की पैरेंट कंपनी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कंपनी का कहना है कि प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 उनके कारोबार की आजादी और समानता के अधिकार के खिलाफ है। यह बिल 20 अगस्त को लोकसभा और 21 अगस्त को राज्यसभा से पास हुआ था। इसके बाद 22 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ ही यह कानून लागू हो गया।
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क्या कहती हैं वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि सरकार ने ऑनलाइन गेम्स पर बैन नहीं लगाया है। पाबंदी सिर्फ उन खेलों पर है जिनमें सट्टेबाजी और पैसे का दांव शामिल है। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं पर ऐसे गेम्स का नकारात्मक असर रोकना बेहद जरूरी था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने पिछले वित्त वर्ष में 20,000 से 22,000 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में अदा किए।
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