Safer Internet Day के मौके पर हम आपको 4 ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिनसे आप डिजिटल दुनिया में खुद को पूरी तरह सुरक्षित रख सकते हैं।
Safer Internet Day 2025: स्मार्टफोन और इंटरनेट इंसानों की सबसे इम्पोर्टेंट चीजे हैं, जो उनके कई कामों को बेहद आसान बना देती है। इंटरनेट ने हमारी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है। जैसे की लोगों से जुड़े रहने की बात हो, शॉपिंग, ऑफिस का काम, मनोरंजन, ऑनलाइन पेमेंट, लगभग हर जगह इंटरनेट की जरूरत होती है। इंटरनेट ने हमारे काम को बहुत आसान बना दिया है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके कई नुकसान भी हैं। आज जब Safer Internet Day है तो हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे आप साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रह सकते हैं।
कब आता है Safer Internet Day
2005 में Safer Internet Day की शुरुआत हुई थी, जो हर साल फरवरी को मनाया जाता है। Safer Internet Day का उद्देश्य लोगों को इंटरनेट के प्रति सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के प्रति अलर्ट करना है। Safer Internet Day की थीम Together for a better internet है। बता दें कि लोग आए दिन डिजिटल ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को इंटरनेट के इस्तेमाल के प्रति जागरूक होना चाहिए।
क्या-क्या रखें ध्यान
टेक्नोलॉजी के जमाने में अगर आप लापरवाही बरतेंगे तो आपको बड़ा नुकसान होगा। इंटरनेट की दुनिया में आप खुद का कैसे बचाव करते हैं आइए जानते हैं।
मजबूत पॉसवर्ड रखें
सोशल मीडिया अकाउंट से लेकर नेट बैंकिंग तक हमेशा मजबूत पासवर्ड बनाएं, ताकी आपका पासवर्ड कोई भी हासिल ना कर सकें।
पर्सनल डिटेल न शेयर करें
बैंक या दूसरे अननॉन कॉल करने वाले आपसे अकाउंट संबंधी कोई जानकारी मांगते हैं तो गलती से भी अपनी जानकारी शेयर न करें। फोन में आए हुए ओटीटी नंबर को गलती से भी शेयर न करें।
अकाउंट पर टू फैक्टर अथेंटिकेशन ऑन रखें
अकाउंट को अलग-अलग सिक्योर रखने के लिए टू फैक्टर अथेंटिकेशन ऑन करके रखना चाहिए। अगर आपने इसे ऑन रखा है। ऐसा करने से जब कभी नए डिवाइस पर कोई आपका अकाउंट लॉगिन करेगा तो पहले आपके नंबर पर सिक्योरिटी कोड सेंड हो जाएगा।
अनजाने लिंक पर न करें क्लिक
इंटरनेट की पहुंच जब से बढ़ी है, लिंक के जरिए साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ गए हैं। अगर आपको मैसेज में या सोशल मीडिया ऐप पर कोई अनजान लिंक मिले, तो उस पर कभी क्लिक न करें। कई बार साइबर अपराधी लिंक के ज़रिए डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर देते हैं और डिवाइस तक पहुँच बना लेते हैं।