ISRO का मेगा मिशन! बनाएगा 40 फ्लोर जितना रॉकेट

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ISRO का मेगा मिशन! बनाएगा 40 फ्लोर जितना रॉकेट
August 20, 2025

नारायणन ने कहा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा बनाया गया पहला रॉकेट जिसकी लिफ्ट-ऑफ क्षमता 17 टन थी और वह सिर्फ 35 किलो पेलोड ले जा सकता था।

ISRO: ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन ने मंगलवार को जानकारी दी कि संगठन एक ऐसा विशाल रॉकेट तैयार कर रहा है जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत जितनी होगी और वह 75,000 किलोग्राम तक का पेलोड लो अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाने में सक्षम होगा।

कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा ISRO

तेलंगाना में बोलते हुए नारायणन ने कहा कि ISRO इस साल कई इम्पोर्टेंट प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। इनमें NAVIC सैटेलाइट, N1 रॉकेट और अमेरिका के 6,500 किलोग्राम वजन वाले कम्युनिकेशन सैटेलाइट को भारतीय रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजना जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

इसके अलावा ISRO GSAT-7R और Technology Demonstration Satellite जैसे इम्पोर्टेंट मिशन को भी लॉन्च करेगा। GSAT-7R को स्पेशली भारतीय आर्मी के लिए तैयार किया जा रहा है जो मौजूदा GSAT-7 की जगह लेगा।

नारायणन ने कहा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा बनाया गया पहला रॉकेट जिसकी लिफ्ट-ऑफ क्षमता 17 टन थी और वह सिर्फ 35 किलो पेलोड ले जा सकता था। आज हम ऐसा रॉकेट डिजाइन कर रहे हैं जो 75,000 किलो पेलोड अंतरिक्ष में भेज सके।

भारत के पास कितने एक्टिव सैटेलाइट हैं?

नारायणन ने यह भी बताया कि अभी भारत के पास 55 सक्रिय सैटेलाइट हैं और अगले तीन से चार सालों में यह संख्या तीन गुना तक बढ़ाई जाएगी। इस मौके पर तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें वी. नारायणन को उनकी उपलब्धियों के लिए ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की उपाधि दी।

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 रातों-रात बदली भारत की इंटरनेट दुनिया! जानें कैसे

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दिव्या सिंह : मैं 6 साल के अनुभव के साथ कंटेट राइटर के तौर पर काम कर रही हूं. मेरे अंदर सरल स्वभाव के साथ कुछ अलग करने की चाह है. मैनजमेंट और नेतृत्व क्षमता से भरपूर मुझमें अच्छे कम्युनिकेशन स्किल्स हैं. मेरे अंदर खास यह है कि किसी भी काम को तय समय पर समाप्त कर लेती हूं.

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