कौन है नील मोहन, Google ने 830 करोड़ देकर ट्विटर से छीना

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कौन है नील मोहन, Google ने 830 करोड़ देकर ट्विटर से छीना
May 29, 2025

नील मोहन की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो टेक्नोलॉजी की दुनिया में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। उनकी सोच, मेहनत और निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।

Neal Mohan: अगर आप YouTube का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके मौजूदा CEO नील मोहन भारतीय मूल के हैं। हाल ही में नील मोहन ने अपनी प्रोफेशनल जर्नी के कुछ ऐसे दिलचस्प किस्से शेयर किए, जो लोगों को काफी इंस्पायर करने वाले हैं।

Google ने 100 मिलियन डॉलर देकर नील को रोका

2011 में X अपनी प्रोडक्ट टीम को मजबूत करना चाहता था। उन्होंने नील मोहन को चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बनने का ऑफर दिया था। नील इस मौके को लेकर काफी गंभीर थे और ट्विटर जॉइन करने के लिए तैयार भी थे, लेकिन तभी Google ने उन्हें रोकने के लिए जो ऑफर दिया, वह किसी भी प्रोफेशनल के लिए सपना जैसा था। 100 मिलियन डॉलर की Restricted Stock Units । Google नहीं चाहता था कि ऐसा टैलेंट कंपनी से जाए, इसलिए उन्होंने तुरंत ये बड़ा कदम उठाया। यह साफ दिखाता है कि नील मोहन Google के लिए कितने जरूरी थे।

Google से YouTube तक का सफर

नील मोहन Google में 2007 में शामिल हुए थे, जब Google ने डिजिटल एड कंपनी DoubleClick को 3.1 बिलियन डॉलर में खरीदा था। नील उस वक्त DoubleClick में एक सीनियर पोजिशन पर थे। Google में आने के बाद उन्होंने ऐड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्रांति ला दी। उन्होंने डिजिटल एड प्लेटफॉर्म को इतना मजबूत बना दिया कि Google का एड बिजनेस पूरी दुनिया में छा गया।

पढ़ाई और करियर की शुरुआत

नील मोहन ने अमेरिका की प्रतिष्ठित Stanford University से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने करियर की शुरुआत Andersen Consulting से की। कुछ समय बाद उन्होंने एक छोटा टेक स्टार्टअप NetGravity जॉइन किया। यही स्टार्टअप बाद में DoubleClick द्वारा खरीदा गया और फिर नील वहां वाइस प्रेसिडेंट बन गए। इसी कंपनी के जरिए वे 2007 में Google तक पहुंचे।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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