अब OTP को करिए बाई-बाई, धोखाधड़ी से बचाएगा Google का यह नया फीचर्स

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November 21, 2025

Scam detection ePNV  गूगल ने दिल्ली में आयोजित अपने खास कार्यक्रम सेफ एंड ट्रस्टेड एआई में भारत के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। कंपनी का फोकस इस बार सुरक्षा, गोपनीयता और डिजिटल दुनिया में बढ़ते ऑनलाइन स्कैम्स को रोकने पर रहा। गूगल ने बताया कि अब पिक्सल डिवाइस में ऐसा एआई फीचर जोड़ा जा रहा है, जो कॉल के दौरान ही यह पहचान सकता है कि सामने वाला व्यक्ति धोखाधड़ी की कोशिश तो नहीं कर रहा। इसके अलावा कंपनी अब पारंपरिक ओटीपी की जगह एक नई सुरक्षित तकनीक ePNV को आगे बढ़ा रही है।

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कॉल पर ही पहचान लेगा स्कैमर को

Google ने बताया कि आने वाले दिनों में पिक्सल स्मार्टफोन पर रियल टाइम स्कैम डिटेक्शन की सुविधा उपलब्ध होगी। यह फीचर जेमिनी नैनो तकनीक पर आधारित है जो फोन पर ही बातचीत के पैटर्न का विश्लेषण करता है। जैसे ही कोई संदिग्ध या स्कैम जैसा पैटर्न दिखता है, उपयोगकर्ता को तुरंत चेतावनी मिल जाती है। खास बात यह है कि बातचीत की ऑडियो रिकॉर्ड नहीं होती और न ही डेटा गूगल के सर्वर पर भेजा जाता है। पूरा विश्लेषण डिवाइस पर ही किया जाता है ताकि गोपनीयता पूरी तरह सुरक्षित रहे।

ePNV लेगा ओटीपी की जगह

गूगल ने घोषणा की है कि फाइनेंशियल ऐप्स की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अब OTP की जगह ePNV तकनीक को आगे बढ़ाया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि उपयोगकर्ता को किसी एसएमएस या मैसेज पर निर्भर न रहना पड़े, क्योंकि ओटीपी को इंटरसेप्ट करना या फर्जी तरीके से हासिल करना अब बहुत आसान हो गया है। ePNV यानी इलेक्ट्रॉनिक प्रूफ ऑफ नंबर वेरिफिकेशन, अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद तरीका माना जा रहा है। इसका उपयोग भविष्य में Google Pay, Paytm और अन्य बैंकिंग या फाइनेंशियल एप्लिकेशन में देखने को मिल सकता है। इससे डिजिटल लेनदेन पहले से अधिक सुरक्षित होंगे और फिशिंग या ओटीपी फ्रॉड जैसे मामलों में कमी आएगी।

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बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर खास जोर

गूगल ने कहा कि उसका लक्ष्य युवाओं, बच्चों और बुजुर्गों की डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। भारत के तेजी से बढ़ते इंटरनेट उपयोग को देखते हुए कंपनी ऐसे एआई टूल विकसित कर रही है जो उपयोगकर्ताओं को स्कैम, धोखाधड़ी और गलत जानकारी से बचा सकें।

भारत में लागू होगा SynthID वॉटरमार्किंग टूल

कंपनी ने अपने SynthID एआई वॉटरमार्किंग पहचान टूल को भारत में भी मजबूत तरीके से लागू करने की योजना साझा की। इस टूल की मदद से यह पता लगाया जा सकेगा कि कोई कंटेंट वास्तविक है या एआई द्वारा बनाया गया। आने वाले समय में यह तकनीक डीपफेक और गलत सूचना फैलाने वाली सामग्री पर नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण हथियार साबित हो सकती है।

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सुरक्षित और भरोसेमंद एआई की सुविधा देना

ब्लॉग पोस्ट में गूगल ने साफ किया कि आने वाले महीनों में वह भारत में और भी सुरक्षा आधारित फीचर्स जारी करेगा। कंपनी का फोकस तीन प्रमुख क्षेत्रों पर है। पहला, उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन स्कैम से बचाना। दूसरा, व्यवसायों के लिए बेहतर गोपनीयता और साइबर सुरक्षा समाधान विकसित करना। तीसरा, ऐसे एआई मॉडल तैयार करना जो सभी के लिए सुरक्षित, निष्पक्ष और भरोसेमंद हों गूगल की ये पहलें भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही हैं।

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