वित्त मंत्रालय इन कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग कानून PMLA 2002 के दायरे में लाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में जुटा है।
Online Gaming: सरकार अब ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों पर सख्ती बरतने जा रही है। Dream11, Games24x7 और Winzo जैसी फेमस गेमिंग कंपनियों को लेकर बड़ा कदम उठाया जा सकता है। खबरों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय इन कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग कानून यानी 2002 के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है। अगर ये नियम लागू हो जाते हैं, तो इन कंपनियों को अब KYC जैसे नियमों का पालन करना होगा। अगर किसी लेन-देन में गड़बड़ी नजर आती है तो उसकी जानकारी सीधे सरकार को देनी होगी।
सरकार को देनी होगी हर ट्रांजैक्शन की जानकारी
PMLA के तहत जो कंपनियां reporting entity मानी जाती हैं, उन्हें अपने ग्राहकों और उनके ट्रांजैक्शन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी Financial Intelligence Unit – India (FIU-IND) को देनी होती है। इसके साथ ही ग्राहक की पहचान, अकाउंट डिटेल्स और बिजनेस से जुड़ी बातों का रिकॉर्ड रखना भी जरूरी होगा।
पहले ही लग चुका है 28% GST
गौरतलब है कि साल 2023 में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर पहले ही 28% जीएसटी लगाया जा चुका है। अब अगर PMLA के तहत भी इन्हें कसा जाता है, तो इन पर और ज्यादा नियम लागू होंगे। सरकार को शक है कि इन ऐप्स के जरिए काले धन का लेन-देन हो रहा है, और इसी पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
करोड़ों लोग रहते हैं एक्टिव
2025 में FICCI और EY की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की कमाई करीब 2.7 बिलियन डॉलर रही। वहीं, करीब 15.5 करोड़ भारतीय यूजर्स ने रियल मनी गेम्स जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स, रम्मी और पोकर जैसे गेम्स खेले। इन यूजर्स में से औसतन 11 करोड़ लोग हर दिन एक्टिव रहते हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग भारत में कितनी तेजी से लोकप्रिय हो चुकी है।
विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की नजर नहीं
भारतीय गेमिंग कंपनियों का कहना है कि वो सरकार के नए नियमों को मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन चिंता इस बात की है कि विदेशी गेमिंग और सट्टा ऐप्स इन नियमों को नहीं मानेंगी। ऐसा पहले भी देखा गया है, जब 28% GST लागू हुआ था। एक अनुमान के मुताबिक, इन विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर 25 से 30 अरब डॉलर की रकम ट्रांसफर हो रही है, और इन पर अभी भी सरकार की पकड़ नहीं है।
वेबसाइट ब्लॉक करने से नहीं रुक रहा खेल
सरकार ने 2022 से फरवरी 2025 के बीच 1,400 से ज्यादा अवैध गेमिंग वेबसाइट्स को ब्लॉक किया और 350 से ज्यादा लिंक हटाए हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह कोई स्थायी हल नहीं है, क्योंकि ये प्लेटफॉर्म तुरंत नया डोमेन बना लेते हैं और दोबारा एक्टिव हो जाते हैं।
नियम तो हैं, लेकिन पूरी तरह लागू नहीं
आईटी मंत्रालय ने अप्रैल 2023 में ऑनलाइन गेमिंग के लिए कुछ नए नियम लाए थे। इन नियमों में यह सुझाव भी था कि कंपनियां खुद के लिए रेगुलेटरी बॉडी बनाएं। लेकिन कुछ प्रस्तावों को मंत्रालय ने हितों के टकराव के कारण खारिज कर दिया। नतीजा ये है कि अभी तक ये नियम पूरी तरह लागू नहीं हो पाए हैं और व्यवहार में लाने मुश्किल बने हुए हैं।