Google और Samsung मिलकर Android XR नाम से नया ऑपरेटिंग सिस्टम पेश कर सकते हैं, जो वर्चुअल, ऑगमेंटेड और मिक्स्ड रियलिटी एक्सपीरियंस के लिए होगा।
Google IO 2025: Google का सालाना डेवलपर इवेंट Google I/O 2025 इस बार 20 मई से शुरू हो रहा है। यह दो दिन तक चलने वाला इवेंट है, जिसमें Google अपनी नई टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर अपडेट्स से पर्दा उठाएगा। इस बार इवेंट का फोकस खास तौर पर Android, AI, Web टेक्नोलॉजी और Cloud पर रहने वाला है। इस इवेंट को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा, जिससे दुनियाभर के लोग इसे फ्री में देख सकेंगे। साथ ही, अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक फिजिकल इवेंट भी आयोजित होगा, जैसा कि पिछले सालों में होता रहा है।
Android 16 क्या मिलेगा नया?
Android 16 को लेकर काफी समय से चर्चाएं चल रही हैं माना जा रहा है कि Google I/O 2025 में इसका पूरा खुलासा हो जाएगा। इसमें कुछ संभावित नए फीचर्स है।
- नया यूजर इंटरफेस (UI): फोन का लुक और अनुभव पहले से ज्यादा आसान और आकर्षक होगा।
- री-डिजाइन्ड वॉल्यूम कंट्रोल: साउंड कंट्रोल करने का तरीका और बेहतर बनाया गया है।
- बेहतर एक्सेसिबिलिटी: दिव्यांग या बुजुर्ग यूजर्स के लिए स्मार्ट फीचर्स जोड़े जाएंगे ताकि फोन चलाना आसान हो।
- नया सिक्योरिटी मोड: डिवाइस की सुरक्षा और भी पक्की होगी, जिससे डाटा चोरी या हैकिंग से बचाव होगा।
- Health Connect 2.0: यह फीचर FHIR फॉर्मेट में मेडिकल रिकॉर्ड्स को सुरक्षित तरीके से शेयर करने में मदद करेगा, जिससे हेल्थ डेटा को मैनेज करना आसान होगा।
AI और Gemini में होगा बड़ा धमाका
इस बार Google I/O 2025 का सबसे बड़ा आकर्षण AI से जुड़ी घोषणाएं होंगी। Google ने अपने इवेंट के होमपेज पर साफ कर दिया है कि इस बार Gemini मॉडल, Google AI Studio और NotebookLM पर फोकस रहेगा। Gemini Ultra का अपग्रेडेड वर्जन इस इवेंट में पेश किया जा सकता है। इसके साथ ही, Gemini की नई सब्सक्रिप्शन स्कीम की भी घोषणा हो सकती है, जिससे यूजर्स को एक्स्ट्रा फीचर्स और बेहतर AI एक्सपीरियंस मिल सकेगा।
Android XR: नया ऑपरेटिंग सिस्टम
- Google और Samsung मिलकर एक नया सिस्टम लाने की तैयारी में हैं, जिसका नाम होगा Android XR।
- यह ऑपरेटिंग सिस्टम खासतौर पर Virtual Reality , Augmented Reality और Mixed Reality डिवाइसेज जैसे स्मार्ट ग्लासेस और हेडसेट्स के लिए बनाया गया है।
- इसमें Gemini AI को कोर में रखा जाएगा, यानी सारे फीचर्स AI से पावर्ड होंगे।
- इसका मकसद Apple और Meta जैसी कंपनियों को सीधी टक्कर देना है, जो पहले ही इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं।