DeepSeek ने सस्ते AI मॉडल को पेश करके पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था अब इसको लेकर नया खुलास सामने आया है, जिसमें यूजर को अलर्ट होने की आवश्यकता है।
DeepSeek : DeepSeek के AI टूल को लेकर इन दिनों कई सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में अब नई जानकारी सामने आई है, जिससे पता चलता है कि इसकी प्रोग्रामिंग में एक कोड छिपा है, जो यूजर का डेटा को सीधे चीनी सरकार के साथ शेयर कर रहा है। इन बातों के सामने आने से अब DeepSeek पर यूजर प्राइवेसी और डेटा स्टोरेज को लेकर कई और सवाल उठ रहे हैं।
यूजर डेटा चीन भेजा जा रहा
Feroot Security के सीईओ इवान त्सारीनी ने DeepSeek को लेकर कहा है कि इसमें एक कोड छिपा हुआ है, जो यूजर का डेटा चीन भेजता है। इसका लिंक चीनी सर्वर और कंपनियों के साथ देखा गया है, जो चीनी सरकार के कंट्रोल में हैं। यानी की DeepSeek पर अकाउंट बनाने वाले लोग अनजाने में चीन में अकाउंट रजिस्टर कर रहे हैं। इससे चीनी सिस्टम के लिए यूजर की पहचान, सर्च क्वेरी और ऑनलाइन व्यवहार देखना आसान हो जाता है।
इस कंपनी में जाता है यूजर का डेटा
सीईओ ने कहा कि DeepSeek के कोड में ऐसी प्रोग्रामिंग की गई है, जो यूजर्स के डेटा को चाइना मोबाइल की ऑनलाइन रजिस्ट्री में भेज देती है। चाइना मोबाइल एक दूरसंचार कंपनी है, जिसका नियंत्रण चीनी सरकार के पास है। 2019 में अमेरिका ने इस कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बैन लगा दिया था। अमेरिका ने उस समय कहा था कि यह कंपनी यूजर डेटा तक अनाधिकृत एक्सेस ले लेती है, जिससे नेशनल सिक्योरिटी को खतरा हो सकता है।
TikTok से भी खतरनाक है DeepSeek
कई एक्सपर्ट ने DeepSeek को TikTok से भी ज्यादा खतरनाक बताया है। बता दें कि TikTok को भारत सरकार ने बैन कर दिया है। वहीं, यूजर डेटा को चीनी सरकार के साथ शेयर करने के आरोपों के चलते इसे एक बार अमेरिका में भी बैन किया जा चुका है। एक्सपर्ट ने कहा कि DeepSeek यूजर्स की संवेदनशील जानकारी स्टोर करता है।