Deepfake Control: दुनिया भर में एआई जनरेटेड फोटोज और वीडियो की बाढ़ ने ऑनलाइन सच्चाई को धुंधला कर दिया है। चीन अब इसे रोकने के लिए सबसे बड़े कदम उठा रहा है। इंटरनेट पर बढ़ते फेक न्यूज, झूठे वीडियो, और संवेदनशील घटनाओं की गलत तस्वीरों को देखते हुए चीन ने AI कंटेंट रेगुलेशन को नए स्तर पर ले जाते हुए अगले साल से कड़े डिजिटल सुरक्षा नियम लागू करने का ऐलान कर दिया है। Nikkei Asia के अनुसार, इन नए नियमों को 28 अक्टूबर को राष्ट्रीय जन कांग्रेस की स्थायी समिति से मंजूरी मिल चुकी है। इसके तहत एआई के लिए रिस्क मैनेजमेंट, कंटेंट मॉनिटरिंग और सुरक्षा निगरानी पहले से कहीं ज्यादा सख्त हो जाएगी।
AI-generated डीफेक बना बना मुसिबत
चीन में हाल के महीनों में कई ऐसी घटनाएँ सामने आईं जहाँ एआई से बनी फोटोज ने जनता में परेशानी पैदा कर दिया। भूकंप के बाद मलबे में दबे बच्चे की वायरल तस्वीर या फिर Zhejiang में एक युवक ने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने के लिए एआई इमेज का इस्तेमाल। शानक्सी की महिला ने भूकंप के नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने वाली तस्वीरें पोस्ट कीं। इन फर्जी कंटेंट ने लोगों को खूब गुमराह किया। इसी वजह से सरकार अब AI को कंट्रोल करने के लिए नए दंडात्मक प्रावधान लागू करने जा रही है।
क्या लाएगा नया कानून?
चीन के नए नियम एआई कंटेंट पर सीधा शिकंजा कसते हैं। इसके तहत एआई फोटोज और वीडियो पर AI-generated लेबल अनिवार्य होगा। चेहरे बदलने वाले Deepfake और आवाज बदलने वाले ऐप्स पर कड़ी कार्रवाई होगी। AI या सोशल प्लेटफॉर्म पर गलत कंटेंट मिलते ही उसे तुरंत हटाना होगा। नकली खबरें, अफवाहें या संवेदनशील घटनाओं पर झूठी इमेज बनाने वालों को सीधी सजा मिलेगी। Artificial intelligence कंपनियों को सख्त मॉनिटरिंग सिस्टम बनाना होगा। बता दें कि, चीन पहले ही 3,500 ऐप्स और 9,60,000 पोस्ट में सुधार करवा चुका है। इससे साफ है कि सरकार AI इकोसिस्टम पर अपना नियंत्रण और मजबूत कर रही है।
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क्यों जरूरी है सख्ती?
आज इंटरनेट पर असली और नकली में फर्क करना आम लोगों के लिए बेहद मुश्किल हो गया है। AI की मदद से बन रहे। हाइपर-रियलिस्टिक चेहरे, नकली वीडियो, संवेदनशील घटनाओं की मनगढ़ंत तस्वीरें, लोगों की भावनाओं, सुरक्षा और सामाजिक माहौल को सीधे प्रभावित कर रहे हैं। चीन की सरकार इसे डिजिटल स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा मान रही है।
2023 से चीन में AI पर नियंत्रण
चीन में पहले से जनरेटिव AI पर नियम मौजूद हैं। अगस्त 2023 से एआई को कोई ऐसा कंटेंट बनाने की अनुमति नहीं है। खासकर ऐसे फोटो-वीडियो जो सरकार को चुनौती दे। सामाजिक तनाव पैदा करे। इसी वजह से चीन के सारे AI चैटबॉट और टूल्स जैसे DeepSeek राजनीतिक विषयों पर जवाब देने से बचते हैं।
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AI का करो इस्तेमाल लेकिन जिम्मेदारी से
इस कदम से साफ है कि चीन डिजिटल दुनिया में सच की सुरक्षाको लेकर आक्रामक रणनीति अपना रहा है। जहां दुनिया के कई देश अभी AI रेगुलेशन पर चर्चा कर रहे हैं, वहीं चीन उसे जमीनी स्तर पर लागू
