CEO ने किया बड़ा खुलासा! 5-10 सालों में AI कैसे बदलेगा दुनिया?

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AGI
March 19, 2025

DeepMind और Google Cloud के सीईओ थॉमस कुरियन के अनुसार, एजेंट-से-एजेंट संचार एआई के लिए महत्वपूर्ण है।

Google DeepMind : AI लगातार इंसानों की तरह सोचने और काम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। Google DeepMind के CEO डेमिस हैसाबिस का इस मामले में कहना है कि अगले 5 से 10 सालों में ऐसी AI तकनीक विकसित हो सकती है, जो इंसानों के बराबर या उनसे भी ज्यादा बुद्धिमान होगी। इसे AGI कहा जाता है।

क्या बोले हासाबिस

हासाबिस ने लंदन में कहा कि मौजूदा AI सिस्टम्स कई कामों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन वे अभी भी इंसानी सोच और निर्णय लेने की क्षमता में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं। हालांकि, उनका मानना है कि आने वाले कुछ सालों में AI की क्षमताएं काफी बढ़ जाएंगी, जिससे वह इंसानों की तरह सोचने और समस्याओं का हल निकालने में कैपेबल हो जाएंगी।

AGI के आने के बाद, मशीनें न सिर्फ डेटा के आधार पर फैसले लेंगी, बल्कि नए विचार भी उत्पन्न कर सकेंगी। यह तकनीक स्वास्थ्य, शिक्षा, साइंस और रिसर्च जैसे क्षेत्रों में बड़े बदलाव ला सकती है। कुल मिलाकर, AGI इंसानी जिंदगी को आसान बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली है।

AI की तीन बड़ी स्टेज

Google DeepMind के CEO डेमिस हैसाबिस के अनुसार, AI को तीन मुख्य स्टेज में बांटा जा सकता है।

  • Passive AI : यह वो AI होती है, जो सिर्फ दिए गए डेटा पर काम करती है और उसी के आधार पर जवाब देती है।
  • AGI : जो इंसानों जैसी सोच और फैसले लेने की क्षमता रखेगी। यह AI न केवल डेटा के आधार पर काम करेगी, बल्कि नए आइडियाज भी डेवलप कर सकेगी।
  • ASI : यह इंसानों से कहीं ज्यादा बुद्धिमान होगी और बेहद जटिल समस्याओं को भी आसानी से हल कर सकेगी।

AGI कब तक आ सकती है?

AGI को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। Tesla के CEO एलन मस्क का मानना है कि 2026 तक AGI आ सकती है। वहीं, OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने भी इसे “करीबी भविष्य” बताया है। दूसरी ओर, चीन की Baidu कंपनी के CEO रॉबिन ली का कहना है कि AGI बनने में 10 साल या उससे ज्यादा का समय लग सकता है। भले ही इसका सटीक समय तय न हो, लेकिन एक बात पक्की है कि AGI आने के बाद AI की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेंगे।

AGI लाने के लिए क्या चाहिए?

Google DeepMind के CEO डेमिस हैसाबिस के अनुसार, AGI लाने की सबसे बड़ी चुनौती है – AI सिस्टम को असली दुनिया की चीजें समझने लायक बनाना। फिलहाल, AI टूल्स गेम्स जैसे Go और Starcraft में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। ये गेम्स भले ही रणनीति और प्लानिंग की मांग करते हैं, लेकिन वास्तविक दुनिया की जटिलताएं उनसे कहीं ज्यादा हैं। यही कारण है कि AI को रियल वर्ल्ड में प्रभावी बनाना मुश्किल है।

कैसे हो रहा है काम?

Google DeepMind इस समस्या को हल करने के लिए Multi-Agent AI Systems पर काम कर रहा है। Multi-Agent AI का मतलब है कि कई AI एजेंट्स (सॉफ्टवेयर प्रोग्राम) एक-दूसरे से कम्युनिकेशन करके मिलकर फैसले लेंगे। इसे Starcraft जैसे गेम्स में टेस्ट किया गया है, जहां AI एजेंट्स ने बेहतरीन रणनीतियां बनाईं।

एजेंट-टू-एजेंट कम्युनिकेशन

Google Cloud के CEO थॉमस कुरियन के अनुसार, भविष्य में AI के लिए एजेंट-टू-एजेंट कम्युनिकेशन यानी AI सिस्टम्स का आपस में संवाद करना बेहद जरूरी होगा। यह टेक्नोलॉजी AI को ज्यादा स्मार्ट बनाएगी और मुश्किल स्थितियों में भी सही निर्णय लेने में मदद करेगी।

क्या AGI सच में संभव है?

हैसाबिस का मानना है कि World Models में हुई हालिया प्रगति ने AGI को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। अगर उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई, तो अगले 5 से 10 सालों में AI केवल एक टूल नहीं रहेगा, बल्कि इंसानों के सहकर्मी की तरह काम करेगा। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में AI इंसानों से भी ज्यादा समझदार बन सकता है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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