Apple सीक्रेटली बनाएगा अपना AI सर्च इंजन

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Apple सीक्रेटली बनाएगा अपना AI सर्च इंजन
August 4, 2025

Apple अब खुद का एक नया AI सर्च इंजन बना रहा है, जो ChatGPT और Perplexity की तरह सीधे सवालों के जवाब देगा।

Apple Search Engine: अब तक AI की रेस में Apple को काफी पीछे माना जा रहा था। ChatGPT, Google Gemini और Microsoft Copilot जैसी कंपनियां आगे निकल चुकी थीं, लेकिन अब Apple भी इस दौड़ में कूद गया है। खबर है कि Apple अब खुद का एक नया AI सर्च इंजन बना रहा है, जो ChatGPT और Perplexity की तरह सीधे सवालों के जवाब देगा।

Apple की नई टीम AKI

Apple ने इस नए प्रोजेक्ट के लिए एक खास टीम बनाई है, जिसका नाम Answers, Knowledge and Information (AKI)  है। इस टीम का काम एक ऐसा AI सिस्टम बनाना है, जो इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को समझकर सीधे सवालों के जवाब दे सके। इस टीम का नेतृत्व रोबी वॉकर कर रहे हैं, जो पहले Siri के साथ काम कर चुके हैं। यह नया AI सिस्टम वैसा ही होगा जैसे ChatGPT या Perplexity  है।

Siri अभी भी पुरानी लगती है

आज जब लोग Siri से कुछ पूछते हैं, तो वो सीधे जवाब देने की बजाय ChatGPT से पूछने को कहती है। इससे यूजर को काफी परेशानी होती है। वहीं, अगर ChatGPT या Google Gemini से पूछो तो वही स्क्रीन पर सटीक और साफ जवाब मिल जाता है। Apple यही अनुभव अपने यूजर्स को देना चाहता है, लेकिन Siri अभी भी पीछे है। यही वजह है कि Apple अब अपनी AI टेक्नोलॉजी को नए सिरे से बना रहा है।

Apple की नजर Perplexity पर भी थी

Apple ने एक समय Perplexity नाम की AI कंपनी को खरीदने की कोशिश भी की थी, लेकिन कंपनी के CEO ने मना कर दिया। इसके बाद Apple ने फैसला किया कि वह अब खुद ही ऐसा AI सिस्टम बनाएगा। Perplexity की खासियत है कि वह सवालों का जवाब चैटबॉट की तरह देता है, लेकिन साथ ही भरोसेमंद वेब सोर्स भी दिखाता है। Apple अब अपने नए सिस्टम में भी यही तरीका अपनाना चाहता है।

अभी लॉन्च में समय लगेगा

रिपोर्ट के मुताबिक Apple का यह नया AI सर्च इंजन अभी शुरुआती दौर में है। इसका कोई तय लॉन्च डेट नहीं है। Siri का बड़ा अपडेट भी 2026 तक आने की उम्मीद है। इस देरी की वजह से फिलहाल Apple ने OpenAI से साझेदारी की है। iOS 18 और Siri में जो AI फीचर्स आए हैं, उनमें ChatGPT का काफी रोल है। लेकिन Apple ज्यादा दिनों तक किसी और कंपनी पर निर्भर नहीं रहना चाहता  इसलिए वो खुद का सिस्टम बना रहा है।

Apple के सामने मुश्किलें भी हैं

AI के फील्ड में काम करने वाले कई टैलेंटेड इंजीनियर हाल ही में Apple छोड़ चुके हैं। कुछ लोग स्टार्टअप्स में चले गए हैं, तो कुछ Google या OpenAI जैसी कंपनियों में शामिल हो गए हैं। इससे Apple की AI टीम पर दबाव बढ़ गया है। AI की दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है और यहां टिके रहने के लिए नए आइडियाज और सही लोगों की बहुत जरूरत होती है।

दूसरी कंपनियां काफी आगे निकल गई हैं

Google ने Gemini AI को अपने सर्च Gmail और Docs में जोड़ दिया है। Microsoft का Copilot अब Windows और Office में पूरी तरह से काम कर रहा है। इन कंपनियों ने AI को अपने सिस्टम में गहराई से शामिल कर लिया है। Apple की तुलना में इनका यूजर एक्सपीरियंस बहुत बेहतर है। Safari, Spotlight या Siri जैसी Apple की सर्विसेज अभी भी पुराने तरीके से काम कर रही हैं।

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अब क्या करना होगा Apple को?

अगर Apple को AI की रेस में टिकना है तो सिर्फ Siri को स्मार्ट बनाने से काम नहीं चलेगा। उसे पूरे iPhone सिस्टम को फिर से AI के हिसाब से डिजाइन करना होगा।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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