AI लाया नया टूल, सेल्फी से पता चलेगी आपकी असली उम्र और हेल्थ स्टेटस!

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UTKFace
May 17, 2025

AI की दुनिया में एक और शानदार टूल जुड़ गया है FaceAge। ये एक ऐसा टूल है जो सिर्फ आपके चेहरे की एक तस्वीर देखकर आपकी बायोलॉजिकल उम्र का अंदाजा लगा सकता है।

AI FaceAge: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मेडिकल फील्ड में भी अब AI ने एंट्री मार ली है क्योंकि हाल ही में एक नया कमाल देखने को मिला है। अमेरिका के Mass General Brigham के रिसर्चर ने एक खास AI टूल बनाया है, जिसका नाम FaceAge है। इस टूल की सबसे खास बात ये है कि यह सिर्फ एक सेल्फी देखकर आपकी बायोलॉजिकल उम्र का पता लगा सकता है।

क्या करता है FaceAge?

FaceAge एक खास deep learning टेक्नोलॉजी पर काम करता है। यह आपकी सेल्फी को स्कैन करके बताता है कि आपकी शरीर की रियल उम्र क्या है। यानी कि आपके सेहत और शरीर की स्थिति उम्र के हिसाब से कैसी है। बता दें कि यह टूल सिर्फ आपकी डेट ऑफ बर्थ पर निर्भर नहीं करता, बल्कि आपके चेहरे के लक्षणों से पता लगाता है कि आप अंदर से कितने हेल्दी हैं।

FaceAge की खास बातें

डॉक्टरों की आंखों की जांच पर आधारित: जैसे डॉक्टर किसी मरीज को देखकर ही अंदाजा लगा लेते हैं कि उसकी सेहत कैसी है, उसी के जैसे FaceAge काम करता है। इसे इस तरह से ट्रेंड किया गया है कि यह चेहरे की बारीकियों से पता लगा लेता है कि शरीर अंदर से कितना मजबूत है। उदाहरण के तौर पर एक 86 साल के कैंसर मरीज को जब डॉक्टर ने देखा, तो लगा कि यह मरीज अपनी उम्र से ज्यादा फिट है। डॉक्टर ने तय किया कि उन्हें आक्रामक रेडिएशन ट्रीटमेंट देना चाहिए। आज, वह शख्स 90 साल के हो चुके हैं और स्वस्थ हैं। बाद में जब FaceAge से उनकी जांच की गई, तो उनकी बायोलॉजिकल उम्र 76 निकली यानी डॉक्टर का अंदाजा एकदम सही था।

हजारों तस्वीरों से ट्रेन्ड किया गया AI

FaceAge को 9,000 से ज्यादा तस्वीरों पर ट्रेंड किया गया है, जिनमें 60 साल से ऊपर के हेल्दी लोगों की फोटोज शामिल हैं। इसमें Wikipedia, IMDb और UTKFace जैसे डेटा सोर्स का इस्तेमाल हुआ है। इस AI के लिए बाल सफेद होना या झड़ना उतना मायने नहीं रखता। ये चेहरे के डीप फीचर्स से उम्र का अनुमान लगाता है।

कितनी सटीक है ये तकनीक?

FaceAge को 6,200 कैंसर मरीजों की ट्रीटमेंट से पहले ली गई तस्वीरों पर टेस्ट किया गया। AI ने पाया कि इनमें से अधिकतर मरीजों की बायोलॉजिकल उम्र, असली उम्र से करीब 5 साल ज्यादा थी। यानी उनकी सेहत उतनी अच्छी नहीं थी जितनी उम्र के हिसाब से होनी चाहिए थी। एक टेस्ट में डॉक्टरों ने सिर्फ तस्वीर देखकर अंदाजा लगाया कि मरीज अगले 6 महीने में जिंदा रहेगा या नहीं। वह 61% मामलों में सही निकले। लेकिन जब तस्वीर के साथ मरीज की मेडिकल रिपोर्ट भी शामिल की गई, तो सटीकता बढ़कर 73% हो गई।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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