AI Safety Framework India: भारत सरकार 28 सितंबर तक एक नया AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क पेश करने जा रही है। इसकी जानकारी केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को दी है। यह फ्रेमवर्क बाध्यकारी नहीं होगा बल्कि इसका उद्देश्य AI के उपयोग की सीमाएं तय करना, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ऐसे चेक एंड बैलेंस बनाना है जिनसे AI से संभावित खतरे रोके जा सकें।
28 सितंबर तक पेश होने वाला AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क भारत में AI सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है। यह ढांचा नागरिकों को सुरक्षित रखते हुए नई तकनीक को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
मंत्री ने कहा कि भारत अभी AI सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। यही मुद्दा 2026 में होने वाले AI Impact Summit का मुख्य केंद्र होगा। यह सम्मेलन 19 से 20 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और बड़े नेता शामिल होंगे।
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चीन की मौजूदगी पर सवाल
जब चीन जैसे देशों की भागीदारी पर सवाल किया गया तो वैष्णव ने कहा कि विदेश मंत्रालय तय करेगा कि किन देशों को आमंत्रित किया जाएगा।
3,000 से अधिक हितधारकों से राय
सरकार का यह फ्रेमवर्क लंबी परामर्श प्रक्रिया के बाद तैयार हुआ है। इसमें प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद के नेतृत्व में 3,000 से ज्यादा हितधारकों की राय ली गई है। मंत्री ने बताया कि इस फ्रेमवर्क के कुछ हिस्से धीरे-धीरे कानून का रूप ले सकते हैं जबकि बाकी हिस्से केवल मार्गदर्शन के तौर पर काम करेंगे। इस तरह नवाचार और नियमों के बीच संतुलन बना रहेगा।
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Deepfake और फेक कंटेंट पर रोक
वैष्णव ने हाल ही में वायरल हुए प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां से जुड़े Deepfake वीडियो का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए मजबूत प्रावधान जरूरी हैं। नए फ्रेमवर्क और सम्मेलन में Deepfake और AI फर्जी कंटेंट से सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाएगा।