क्या आप जानते हैं कि पहलगाम तक पहुंचने के लिए आतंकियों ने किस ऐप का इस्तेमाल किया? कई लोगों को लगता होगा कि आतंकी नेविगेशन के लिए Google Map का इस्तेमाल करते हैं।
Alpine Quest: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में 26 मासूम लोगों की जान गई और अब धीरे-धीरे इसकी परतें खुलने लगी हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, इस नरसंहार को अंजाम देने वाले आतंकियों ने लोकेशन ढूंढने के लिए Google Maps का नहीं, बल्कि एक खास ऐप का इस्तेमाल किया है, जिसका नाम Alpine Quest है।
क्या है Alpine Quest ऐप?
Alpine Quest एक ऐसा मोबाइल ऐप है, जो बिना इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क के भी काम करता है। यानी जिस जगह पर मोबाइल नेटवर्क नहीं होता, वहां भी ये ऐप रास्ता दिखा सकता है। आतंकियों को इस ऐप से एक बड़ा फायदा ये हुआ कि उन्हें किसी ओवरग्राउंड वर्कर की मदद नहीं लेनी पड़ी। OGW वो लोग होते हैं जो आतंकियों को लोकल गाइड की तरह मदद देते हैं, लेकिन उनकी पहचान उजागर होने का खतरा बना रहता है।
क्यों हुआ इस ऐप का इस्तेमाल?
आतंकियों को डर रहता है कि कोई जानकारी लीक न कर दे, इसलिए वो अब सीधे ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो उन्हें सीधे टारगेट तक पहुंचा सके। इस ऐप को पहले भी कठुआ आतंकी हमले जैसे मामलों में इस्तेमाल किया जा चुका है। Alpine Quest में पहले से डाउनलोड किए गए मैप्स ऑफलाइन इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिससे यह पहाड़ी इलाकों और दूर-दराज के क्षेत्रों में काफी मददगार साबित होता है।
ISI दे रहा ट्रेनिंग
जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों के पीछे अब सिर्फ बंदूकें ही नहीं, बल्कि मोबाइल ऐप भी जिम्मेदार हैं। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI आतंकियों को एक खास मोबाइल ऐप की ट्रेनिंग दे रही है, जिससे वे दुर्गम इलाकों में भी आसानी से रास्ता ढूंढ लेते हैं और आपस में जुड़े रहते हैं।
पाकिस्तान में आतंकियों को ISI की देखरेख में इस ऐप का इस्तेमाल सिखाया जा रहा है। आतंकियों को इसका ऑफलाइन वर्जन दिया जाता है, जिसमें पहले से कुछ खास लोकेशन जैसे कि CRPF कैंप, बैरिकेड्स और जंगल के रास्ते पहले से सेव होते हैं।
क्यों हो रहा है इसका इस्तेमाल?
यह ऐप बिना नेटवर्क के भी काम करता है, जिससे जंगलों या दूरदराज इलाकों में भी आतंकियों को नेविगेशन में परेशानी