9 महीने से अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर वापस आ रही हैं।
SpaceX Dragon capsule: SpaceX ने एक खास ड्रैगन कैप्सूल तैयार किया है, जो NASA के एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को अंतरिक्ष से सुरक्षित वापस लाने के मिशन पर है। दोनों एस्ट्रोनॉट्स पिछले 9 महीनों से ISS में फंसे हुए थे। ऐसे में अब SpaceX का Dragon कैप्सूल उन्हें धरती पर वापस लाने के लिए निकल चुका है। उम्मीद है कि यह कैप्सूल 18 मार्च की रात करीब 3:27 बजे धरती पर लैंड कर सकता है।
कैसे हो रही है वापसी?
NASA काफी समय से अपने एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित लौटाने की कोशिश कर रहा था। इस मिशन में एलन मस्क की SpaceX ने बड़ी भूमिका निभाई। Dragon कैप्सूल ने ISS से अपनी यात्रा शुरू कर दी है और इसे धरती तक पहुंचने में लगभग 17 घंटे लगेंगे। अब सबकी निगाहें इस इम्पोर्टेंट मिशन पर हैं, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और बड़ी सफलता को दर्शाता है।
क्या है SpaceX Dragon Capsule
SpaceX का Dragon Capsule एक खास तरह का स्पेसक्राफ्ट है, जिसमें एक बार में 7 एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष या पृथ्वी के ऑर्बिट में भेजा जा सकता है।SpaceX के अनुसार, यह दुनिया का इकलौता स्पेसक्राफ्ट है, जो धरती से Space में कार्गो ले जाने और वापस लाने का काम कर सकता है। खास बात यह है कि यह पहला प्राइवेट spacecraft है, जो इंसानों को भी स्पेस स्टेशन तक पहुंचाने में सक्षम है।
साल 2020 में SpaceX ने पहली बार NASA के एस्ट्रोनॉट्स को ISS तक सफलतापूर्वक भेजा और वापस लाया। इसके अलावा, Dragon Capsule का इस्तेमाल कमर्शियल एस्ट्रोनॉट्स को धरती के ऑर्बिट, ISS या अन्य स्पेस मिशन के लिए भी किया जा सकता है। यह तकनीक स्पेस एक्सप्लोरेशन में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
Dragon Capsule की खासियतें
SpaceX का Dragon Capsule एक खास spacecraft है, जिसमें 16 Darco thrusters लगे हैं। ये थ्रस्टर्स स्पेसक्राफ्ट को ऑर्बिट में सही पोजीशन में रखने, ऊंचाई को एडजस्ट करने और दिशा बदलने में मदद करते हैं। हर थ्रस्टर में इतनी ताकत होती है कि यह 90 पाउंड तक का बल लगा सकता है, जिससे मिशन को सुरक्षित और कुशल तरीके से पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा, इस कैप्सूल में दो बड़े पैराशूट भी हैं। ये पैराशूट spacecraft को स्पेस में स्थिर रखते हैं और लैंडिंग के वक्त उसकी रफ्तार को कम करते हैं, जिससे यह सुरक्षित तरीके से धरती पर लौट सके।
सुनीता विलियम्स की वापसी का सफर
भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर पिछले 286 दिनों से ISS में फंसे हुए थे। जब वे वहां पहुंचे, तो उनके spacecraft में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके चलते उन्हें लंबे समय तक रुकना पड़ा। पिछले 9 महीनों से NASA उनके सुरक्षित वापसी की योजना बना रहा था। अब SpaceX का Dragon Capsule उन्हें धरती पर वापस लाने के मिशन पर है। 2023 में भी रूस के spacecraft में खराबी आई थी, जिसकी वजह से NASA के एस्ट्रोनॉट फ्रैंक रूबियो को 371 दिनों तक स्पेस में रहना पड़ा था। यह अब तक का एक रिकॉर्ड है। अब सभी को उम्मीद है कि सुनीता विलियम्स और विलमोर की वापसी का यह सफर सफलतापूर्वक पूरा होगा।