Zoho Email: केंद्र सरकार ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए 12.68 लाख सरकारी ईमेल खातों को Zoho आधारित ईमेल सिस्टम पर शिफ्ट कर दिया है। यह कदम देश में डेटा सुरक्षा को मजबूत करने और विदेशी डिजिटल सेवाओं पर निर्भरता कम करने की दिशा में उठाया गया है। मंत्रालयों और विभागों को यह माइग्रेशन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के माध्यम से कराया गया है। लोकसभा में दिए गए डेटा के अनुसार, इन खातों में से 7.45 लाख ईमेल अकाउंट केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के हैं।
Zoho ईमेल सिस्टम पर माइग्रेशन के बाद सरकारी कर्मचारियों के 7.45 लाख खातों को उन्नत सुरक्षा जैसे एन्क्रिप्शन, IP प्रतिबंध और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का लाभ मिलेगा।
2023 में Zoho ने जीता था टेंडर
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने संसद को बताया कि 2023 में Zoho को Master System Integrator के रूप में चुना गया था। यह प्लेटफॉर्म सरकार के लिए खास तौर पर तैयार की गई क्लाउड आधारित सुरक्षित ईमेल सेवा प्रदान करता है, जिसमें सभी डेटा का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहता है।
डेटा का पूरा नियंत्रण रहेगा सरकार के पास
IT राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया है कि Zoho के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट में यह साफ है कि प्लेटफॉर्म पर बनने वाला हर डेटा और IP पूरी तरह सरकार की ही होगी। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कंटीन्यूटी और रोलबैक सिस्टम भी मौजूद हैं। हालांकि, MeitY ने इस पूरे माइग्रेशन की कुल लागत और भविष्य में लगने वाले सॉफ्टवेयर लाइसेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर खर्चों का खुलासा नहीं किया है।
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सुरक्षा सुविधाएं क्या होंगी?
नया ईमेल सिस्टम कई सुरक्षा फीचर्स के साथ आता है।
- डेटा स्टोरेज और डेटा ट्रांसफर दोनों का एन्क्रिप्शन
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
- जियो फेंसिंग
- IP प्रतिबंध
- एंटी-स्पूफिंग सुरक्षा
- 9% uptime की गारंटी
- अलग-अलग भूकंपीय क्षेत्रों में 500 km से अधिक दूरी पर डिजास्टर रिकवरी लोकेशन
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स्वदेशी डिजिटल विकल्पों को बढ़ावा
कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी Zoho के विभिन्न ऐप्स के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। इसमें Arattai, Zoho Mail और अन्य प्रोडक्टिविटी टूल्स शामिल हैं। IT मंत्री अश्विनी वैष्णव भी कई अधिकृत ब्रीफिंग में इनके उपयोग की सराहना कर चुके हैं। Zoho के Standard, Business और Enterprise प्लान में कैलेंडर, टास्क मैनेजमेंट, सुरक्षित फाइल शेयरिंग जैसी सभी सुविधाएं शामिल हैं। सरकार इसे भारत के लिए एक अधिक सुरक्षित और आत्मनिर्भर डिजिटल वातावरण की ओर महत्वपूर्ण कदम मान रही है।
