Humanoid Robot: दुनिया के बेहतरीन सर्जन अब मेडिकल कॉलेजों से नहीं बल्कि फैक्ट्रियों तैयार होकर निकलेंगे। कठिन से कठिन एवं नाजुक सर्जरी को बड़े ही आसानी से करने में सक्षम होगा। यह दावा मैं नहीं कर रहा खुद Tesla के CEO Elan Musk का कहना है। मस्क ने हाल में जिस भविष्य की झलक दिखाई है, वह सिर्फ रोबोट डॉक्टरों की कहानी नहीं है। यह तो मानव कौशल की प्रतिकृति तैयार करने वाली एक तकनीकी क्रांति की शुरुआत है। अगर ऐसा हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब सर्जरी मानव अनुभव से नहीं, बल्कि मशीनों में सहेजी गई विशेषज्ञता से संचालित होगी। हेल्थकेयर की गुणवत्ता पहली बार हर जगह बराबर मिल सकेगी। भविष्य की तकनीक इंसानी हाथों की महीन कलाकारी को रोबोट के सर्किट और एक्ट्यूएटर में सहेज देगी और यही कौशल फैक्ट्री में तैयार होकर अस्पतालों तक पहुंचेगा।
फैक्ट्री में बने सर्जन, करेंगे कठिन से कठिन ऑपरेशन आसानी से हल, जानिए एलन मस्क का क्या है हेल्थकेयर के क्षेत्र में बदलाव का प्लान।
हेल्थकेयर सस्ता और सुलभ होगा
मस्क का कहना है कि उनका Optimus ह्यूमनॉइड रोबोट भविष्य में इंसानी डॉक्टरों से भी कठिन सर्जरी कर सकता है। रोबोट ऐसे सुपरह्यूमन ऑपरेशन भी आसानी से कर पाएगा जो केवल एक्सपर्ट डॉक्टर ही कर सकता था। इससे हेल्थकेयर सस्ता और सुलभ भी होगा। उनका तर्क है कि अगर Optimus जैसे Humanoid Robot को बड़े स्तर तैयार कर पूरे विश्व में वितरण कर दिया जाता है तो इलाज की लागत और कमी को दूर कर सकते हैं। Optimus नाम के ह्यूमनॉइड रोबोट के अगले संस्करण को ऐसे हाथ दिए जा रहे हैं जिनमें लगभग 50 एक्ट्यूएटर होंगे, जो नाजुक ऑपरेशन करने में सक्षम होंगे। मस्क का दावा है कि भविष्य का Optimus यही मानवीय सटीकता बार-बार और हर परिस्थिति में दोहरा सकेगा।
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जटिल ऑपरेशन भी होंगे आसानी से
दुनिया में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। कई ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में जटिल सर्जरी कर सकने वाले डॉक्टर मिलना मुश्किल है, जबकि बड़े शहरों में यही सेवा महंगी और सीमित होती है। मस्क का मानना है कि हेल्थकेयर की असली चुनौती पैसे की नहीं है। चुनौती एक्सपर्ट सर्जन की कमी है। अगर किसी डॉक्टर की विशेषज्ञता को मशीनों में ट्रांसलेट किया जा सके और फिर उन रोबोट्स को फैक्ट्री तैयार किया जा सके तो लोगो को काफी मदद मिल सकती है।
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सरल नहीं है रास्ते
एक्सपर्ट का मानना है कि यह काम चुनौतीपूर्ण और समय लेने वाला है। साथ ही यह सवाल भी उठता है कि क्या मरीज मशीन द्वारा की गई सर्जरी पर उतना भरोसा कर पाएंगे जितना इंसान सर्जन पर करते हैं। अगर कोई जटिल स्थिति अचानक सामने आ जाए तो क्या मशीन में वह निर्णय क्षमता होगी जो एक मानव डॉक्टर में होती है। इन सारे सवालों से तो फिलहाल राह आसान नहीं है फिर बदलते तकनीक युग में कुछ कहा नहीं जा सकता कि कब क्या करामात हो जाए।
अब देख्नना होगा कि आने वाले समय में यह तकनीक सिर्फ डॉक्टर बनाने की मशीन बनकर रह जाती है या तय करेगी कि भविष्य में सबसे सटीक और भरोसेमंद सर्जरी कौन करेगा?
