अब Antivirus बनेगा आपका डिजिटल बॉडीगार्ड, धोखेबाज के लिए बनेगा काल

7 mins read
38 views
Quick Heal का AI क्रांति से आपके डिजिटल लाइफ को सुरक्षित
November 13, 2025

Quick Heal version 26 भारत की अग्रणी साइबर सुरक्षा कंपनियों में से एक Quick Heal Technologies ने अपनी 30वीं वर्षगांठ पर एक बड़ा तकनीकी कदम उठाते हुए AI संचालित Quick Heal Total Security Version 26 लॉन्च किया है। यह नया वर्जन अब सिर्फ वायरस से नहीं, बल्कि फेक कॉल, फ्रॉड, डार्क वेब लीक और UPI स्कैम से भी सुरक्षा प्रदान करेगा। कंपनी ने दावा किया है कि यह अब तक का सबसे एडवांस्ड और इंटेलिजेंट एंटीवायरस सॉल्यूशन है जो डिजिटल खतरों को पहले ही पहचान लेगा। लॉन्च के मौके पर कंपनी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संजय कटकर ने कहा, हमारा मकसद सिर्फ वायरस हटाना नहीं है। हमें यूजर्स को SIA जैसे फीचर्स से तकनीकी जानकारी के बिना भी अपने डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करना है।

अब सुरक्षा होगी स्मार्ट, Quick Heal का AI क्रांति से आपके डिजिटल लाइफ को सुरक्षित

सुरक्षाकवच बन डिजिटल लाइफ को करेगा स्ट्रांग 

Quick Heal version 26 डिजिटल दुनिया में खतरे अब वायरस तक सीमित नहीं रहे। Fake Call , फ्रॉड लिंक, फिशिंग साइट्स और डार्क वेब लीक जैसी नई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यह तकनीक का की ओर कदम बढ़ाया है। कंपनी ने लॉन्च किया है AI संचालित Quick Heal Total Security Version 26, जो इंसानी समझ से लैस सुरक्षा कवच बनकर डिजिटल लाइफ को और मजबूत करेगा।

READ MORE-  OpenAI का ChatGPT गानों के कॉपीराइट उल्लंघन में दोषी

इंटेलिजेंट गार्ड की तरह करेगा काम

Quick Heal का नया वर्जन अब पारंपरिक एंटीवायरस नहीं रहा। इसमें जोड़ा गया है Security Intelligent Assistant एक ऐसा AI असिस्टेंट जो आपकी भाषा में बात करके बताता है कि खतरा कहां है और क्या करना है। यानी जिसके पास टेक्नीकल समझ नहीं भी रहेगा उसे आसानी से समस्या और उसके समाधान समझ आ जाएगा। हमेशा अपके डिजिटल लाइफ को सुरक्षित रखने के लिए तत्पर रहेगा।

READ MORE-  Google Gemini पर आरोप, यूजर्स के पढ़ रहा प्राइवेट मैसेज

डबल PTD से सुरक्षा

Quick Heal ने इस वर्जन में दो नई AI तकनीकों को शामिल किया है GoDeep.AI, जो लाखों साइबर हमलों से सीखकर भविष्य के खतरों का पूर्वानुमान लगा सकता है। दूसरा, Antifraud.AI, जो रियल टाइम में फेक UPI रिक्वेस्ट, स्कैम कॉल और फ्रॉड वेबसाइट्स को पहचान लेता है। यह एक Predictive Threat Detection System है। साथ ही, इसमें Quick Heal के अपने केवाईसी डेटा इस्तेमाल होने के सटीकता से अनहोनी का पता लग पाना काफी हद तक बढ़ जाता है।

डार्क वेब मॉनिटरिंग फीचर से डिवाइस पर नजर

नए वर्जन में शामिल Dark Web Monitoring 2.0 फीचर इंटरनेट के छिपे हिस्सों को स्कैन करता है। अगर आपकी ईमेल या पासवर्ड डार्क वेब पर लीक होती है, तो यह तुरंत अलर्ट भेजता है। साथ ही, meta Protect Dashboard के ज़रिए अब आप अपने सभी डिवाइस को एक ही जगह से मॉनिटर कर सकते हैं। जैसे- मोबाइल, लैपटॉप या टैबलेट आदि। इससे साबित हो गया है कि भारत अब सिर्फ यूज़र नहीं, साइबर सुरक्षा का निर्माता भी है। संभावित साइबर खतरा के लिए ढ़ाल का काम कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Red Fort Blast: क्या है Session? जानें कैसे बनाई थी ‘ब्लास्ट’ करने प्लानिंग
Previous Story

Red Fort Blast: क्या है Session? जानें कैसे बनाई थी ‘ब्लास्ट’ करने प्लानिंग

ताइवान का Bitcoin को रिजर्व में शामिल करने का प्लान
Next Story

ताइवान का Bitcoin को रिजर्व में शामिल करने का प्लान

Latest from Artificial Intelligence

Don't Miss